एक भी टैबलेट खराब, तो भारी जुर्माना

By: Dec 17th, 2018 12:15 am

फार्मा कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में होगा बदलाब

बीबीएन – गुणवत्ता पूर्ण दवा निर्माण को बढ़ावा देने और लापरवाह फार्मा कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र सरकार कड़े कदम उठाने जा रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में नया प्रावधान करने की तैयारी में है। इसके अनुसार अगर एक बैच में बनने वाली दवाइयों में से एक भी टैबलेट या इंजेक्शन कम गुणवत्ता का या खराब पाया गया, तो ऐसे में पूरे बैच की दवाई पर एमआरपी के बराबर जुर्माना लगाया जाएगा। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने यह प्रस्ताव मंजूर कर लिया है और अंतिम मंजूरी के लिए इसे स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा गया है। मंत्रालय की मंजूरी के बाद यह प्रावधान ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में जोड़ा जाएगा। केंद्र की इस कवायद का मकसद घटिया दवाइयों की बिक्री पर अंकुश लगाना है। जानकारी के मुताबिक सीडीएससीओ के ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) द्वारा मंजूर प्रस्ताव में कहा गया है कि दवा की क्वालिटी अच्छी नहीं हो, मिलावटी हो, टैबलेट टूटी हो, बोतल का ढक्कन लीक हो या दवा का रंग बदल गया हो, तो भी कंपनी को जुर्माना देना होगा। नए प्रस्ताव के मुताबिक अब 48 पैरामीटर पर दवा की जांच होगी। केंद्र सरकार की इस कवायद का मकसद लापरवाह दवा कंपनियों पर शिकंजा कसने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को गुणवत्ता पूर्ण दवाएं मुहैया करना है। उल्लेखनीय है कि अकसर  दवा नियामकों की जांच में दवाओं के गुणवत्ता मानकों पर खरा न उतरने के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में बदलाव कर कड़े प्रावधान जोड़ने की कदमताल शुरू की है।

एक जैसे नाम की दवाओं पर भी लगेगी रोक

केंद्र सरकार फार्मा कंपनियों को एक जैसे नाम या मिलते-जुलते नाम से दवाएं बाजार में उतारने से रोकने के लिए सभी दवा ब्रांड्स का डाटाबैंक बनाने पर विचार कर रही है। जानकारों के मुताबिक दवा बाजार में करीब 10 हजार ऐसी दवाइयां हैं, जिनके नाम मिलते-जुलते हैं। इसी वजह से ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) ने अब दवा के ब्रांड नेम को भी पंजीकृत करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App