कलिका  सहसन्नाम

By: Dec 29th, 2018 12:05 am

-गतांक से आगे…

उग्र-चंडेश्वरी वीर-जननी वीर-सुंदरी।

उग्र-तारा यशोदाख्या देवकी देव-मानिता।। 78।।

निरंजना चित्र-देवी क्रोधिनी कुल-दीपिका।

कुल-वागीश्वरी वाणी मातृका द्राविणी द्रवा।। 79।।

योगेश्वरी-महा-मारी भ्रामरी विंदु-रूपिणी।

दूती प्राणेश्वरी गुप्ता बहुला चामरी-प्रभा।। 80।।

कुब्जिका ज्ञानिनी ज्येष्ठा भुशुंडी प्रकटा तिथिः।

द्रविणी गोपिनी माया काम-बीजेश्वरी क्रिया।। 81।।

शांभवी केकरा मेना मूषलास्त्रा तिलोत्तमा।

अमेय-विक्रमा व्रूसरा सम्पत्शाला त्रिलोचना।। 82।।

सुस्थी हव्य-वहा प्रीतिरुष्मा धूम्रार्चिरङ्गदा।

तपिनी तापिनी विश्वा भोगदा धारिणी धरा।। 83।।

त्रिखंडा बोधिनी वश्या सकला शब्द-रूपिणी।

बीज-रूपा महा-मुद्रा योगिनी योनि-रूपिणी।। 84।।

अनङ्ग – मदनानङ्ग – लेखनङ्ग – कुशेश्वरी।

अनङ्ग-मालिनि-कामेशी देवि सर्वार्थ-साधिका।। 85।।

सर्व-मंत्र-मयी मोहिन्यरुणानङ्ग-मोहिनी।

अनङ्ग-कुसुमानङ्ग-मेखलानङ्ग – रूपिणी।। 86।।

वङ्कोश्वरी च जयिनी सर्व-द्वंद्व-क्षयर्ज्री।

षडङ्ग-युवती योग-युक्ता ज्वालांशु-मालिनी।। 87।।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App