कालेजों को यूजीसी से सीधे बजट नहीं

By: Dec 16th, 2018 12:01 am

विधानसभा शीतकालीन सत्र में उच्चतर शिक्षा परिषद स्थापना विधेयक पास मजबूत किए हायर काउंसिल के हाथ

धर्मशाला  — शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन उच्चतर शिक्षा परिषद स्थापना और विनियमन का 15 विधेयक कुछ सदस्यों की दोबारा ड्राफ्ट किए जाने की मांग के बावजूद पारित कर दिया गया। इससे अब प्रदेश में पहले से ही गठित हायर काउंसिल को मजबूत कर परिषद के तहत कार्य किया जाएगा। विधेयक के पास होने से यूजीसी और राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान से आने वाला बजट अब सीधे विश्वविद्यालयों और कालेजों को नहीं जाएगा। बजट उच्चतर शिक्षा परिषद के माध्यम से शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंचेगा और उसे परिषद द्वारा ही रेगुलेट किया जाएगा। परिषद नया व समकालीन पाठ्यक्रम में फेरबदल करने के लिए भी कार्य करेगा। इसके अलावा निजी संस्थानों की कार्यप्रणाली पर भी पैनी नजर रखी जाएगी। शनिवार को शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में हिमाचल प्रदेश राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद स्थापना और विनियमन विधेयक-2018 की संख्या-15 को चर्चा के लिए रखा। चर्चा के दौरान विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि यूजीसी पहले से ही सभी संस्थानों पर नजर रखने का कार्य कर रही है, ऐसे में प्रदेश में अलग से परिषद बनाने की आवश्यकता नहीं थी। विधायक सुखविंदर सुक्खू और जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेशन कमीशन पहले से ही काम कर रहा है, ऐसे में बिल का औचित्य नहीं है। हालांकि बिल पर पुनः चर्चा करने के बाद पास करने पर विचार किया जा सकता है। सदन में चर्चा के बाद सर्वसहमति से ध्वनि मत से शिक्षा परिषद बिल को पारित कर दिया गया। विधेयक के तहत परिषद में अध्यक्ष शिक्षाविद होगा, जबकि उच्चतर शिक्षा सचिव परिषद के उपाध्यक्ष होंगे। राज्य सरकार के दो विवि कुलपति, केंद्रीय विवि कुलपति, निजी विवि के दो कुलपति, वित्त सचिव, तकनीकी शिक्षा सचिव, उच्चतर शिक्षा निदेशक इसके सरकारी सदस्य व रूसा के राज्य परियोजना निदेशक परिषद के सदस्य सचिव होंगे।

इन पर भी हुई चर्चा

शीतसत्र के दौरान शनिवार को शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में हिमाचल प्रदेश राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद स्थापना और विनियमन विधेयक-2018 की संख्या-15 को चर्चा के लिए रखा।

यहां निगरानी रखेगी परिषद

दस से 15 सदस्यों वाली हिमाचल प्रदेश हायर एजुकेशन काउंसिल के तहत शिक्षण संस्थानों में बोर्ड ऑफ  गवर्नेंस और प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट गठित होंगे। स्वास्थ्य शिक्षा, इंजीनियरिंग शिक्षा, नर्सिंग शिक्षा, आर्किटेक्चर शिक्षा, विधि शिक्षा और तकनीकी शिक्षा देने वाले शिक्षण संस्थानों को भी काउंसिल के दायरे में लाया जाएगा।

परिषद के कार्य

-उच्चतर शिक्षा के लिए योजना, वार्षिक योजना और बजट पर संस्तुतियां देना।

-राज्य के संस्थानों की योजना बनाने और क्रियान्वयन में मदद।

-सरकारी स्तर पर और संस्थान स्तर पर डाटा एकत्रित करना।

-परीक्षा प्रणाली में सुधार व सुझाव।

-पाठ्यक्रम को समकालीन और सुसंगत बनाना।

-विवि के लिए नियम व अधिनियम बनाना।

-लेखों की रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करना।


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