तीन साल से बढ़ गया डेंगू  स्क्रब, स्वाइन फ्लू का कहर

By: Dec 16th, 2018 12:01 am

सोलन – प्रदेश में बीते तीन वर्षों में हजारों लोग जानलेवा बीमारियों की चपेट में आ गए। इनमें से कई लोग जान से हाथ भी धो बैठे। इसका खुलासा हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सर्विलांस रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में तीन वर्षों के भीतर डेंगू, स्क्रब टायफस और हेपेटाइटस ए एंड ई सबसे खतरनाक बीमारी उभरकर सामने आई है। आमतौर पर सर्दी के मौसम में होने वाले स्वाइन फ्लू ने भी इन वर्षों में लोगों की ठीकठाक क्लास ली है।  रिपोर्ट में दर्ज आंकड़ों के अनुसार बीते वर्ष 2016 में 14, वर्ष 2017 में 77 और मौजूदा वर्ष में अभी तक 6 लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए हैं। दुखद यह है हर वर्ष स्वाइन फ्लू जानलेवा सिद्ध हुआ। 2016 व 2017 में  20 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई, जबकि इस वर्ष केवल 6 लोगों में ही लक्षण पाए गए हैं और इनमें से दो की मौत भी हो चुकी है। हालांकि अभी सर्दी शुरू हुई है और आगामी दिनों में आंकड़ों में और बढ़ोतरी हो सकती है। इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में डेंगू, स्क्रब टायफस एवं हेपेटाइटस ए एंड ई के आंकड़ें भी प्रस्तुत किए गए हैं। इसमें पाया गया कि साल-दर-साल पीडि़तों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। सुखद पहलू यह है कि इन बीमारियों से होने वाली मृत्यु में कमी पाई गई है। सर्विलांस रिपोर्ट के आधार पर नजर डालें तो वर्ष 2016 में प्रदेश में डेंगू के कुल 179, वर्ष 2017 में 617 एवं मौजूदा वर्ष में 4723 लोगों में लक्षण पाए गए। इनमें से केवल वर्ष 2018 में ही 6 लोगों की मृत्यु हो गई।  इसके अतिरिक्त स्क्रब टायफस ने भी प्रदेश वासियों की नाक पर दम किया। इन तीन वर्षों में स्क्रब टायफस सबसे खतरनाक बीमारी के रूप में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार स्क्रब टायफस ने तीन वर्ष के अंतराल में 90 लोगों को अपना शिकार बनाया। वर्ष 2016 के आंकड़ों पर नजर डालें तो स्क्रब टायफस के 1175, वर्ष 2017 में 1484 और वर्ष 2018 में बढ़कर 1915 लोगों में लक्षण पाए गए।  इसी प्रकार हेपेटाइटस ए एंड ई ने भी हजारों लोगों को प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाया। हालांकि सर्दी के मौसम में भी हेपेटाइटस ए एंड ई रोग के होने की प्रबल संभावना होती है। ऐसे में इस वर्ष पीडि़तों के आंकड़ों में और वृद्धि हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करे तो वर्ष 2016 में हेपेटाइटस ए एंड ई के कुल 3076, वर्ष 2017 में 546 और वर्ष 2018 में अभी तक 320 लोगों ग्रसित पाए गए। इनमें से वर्ष 2016 में हेपेटाइटस ए एंड ई बीमारी 38 लोगों के लिए काल का ग्रास बनकर आई। इसके अलावा वर्ष 2017 में दो और वर्ष 2018 में दो लोगों की हेपेटाइटस ए एंड ई बीमारी की वजह से मौत हो गई।


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