प्रदेश में मनरेगा के कनिष्ठ लेखापाल भी हों नियमित

By: Dec 16th, 2018 12:01 am

सुंदरनगर — प्रदेश ग्रामीण विकास व पंचायती राज विभाग में कार्यरत कनिष्ठ लेखापाल संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन कुमार के नेतृत्व में सात सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर से मिला। इस दौरान उन्होंने मनरेगा के कनिष्ठ लेखापाल को विभाग में नियमित करने और विभाग में मर्ज करने की मांग की है। संघ ने मुख्यमंत्री के सामने पक्ष रखा कि विभाग के 26 विकास खंडों में आठ वर्ष से मनरेगा योजना का लेखा-जोखा देख रहे हैं, जिसके तहत कैश बुक करना, खाता मिलान, बिल बाउचर का संरक्षण व चार्टर्ड अकाउंटेंट आकेंक्षण शामिल है, एक नियमित कर्मचारी की तरह पूरे माह कार्य करने के उपरांत भी इन्हें प्रत्येक माह पहली तारीख को वेतन भी नहीं मिलता है। इससे उनके परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रदेशाध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि ये कर्मचारी न सरकारी कर्मचारी की श्रेणी में आते हैं और न ही सरकारी कर्मचारी को मिलने वाली आर्थिक सुरक्षा मिलती है। उन्होंने मांग की है कि हमारे कार्य वस्तु स्थिति और हमारे भविष्य की सुरक्षा को देखते हुए विभाग में नियमित करके मर्ज करने की राहत प्रदान करें।


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