राज्यपाल के फैसले में दखल नहीं

By: Dec 11th, 2018 12:01 am

सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई जे एंड के असेंबली भंग करने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका

नई दिल्ली -सुप्रीम कोट ने सोमवार को उस जनहित याचिका खारिज कर दिया, जिसमें जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग करने के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के फैसले को चुनौती दी गई थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एसके कौल की पीठ ने कहा कि हम दखल नहीं देना चाहते (राज्यपाल के फैसले में)। पीठ बीजेपी के पूर्व विधायक डा. गगन भगत की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। विधानसभा भंग होने से पहले तक भगत विधायक थे। विधायक ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा था कि यह लोकतंत्र का सबसे बड़ा मजाक है कि आप पांच महीने तक विधानसभा को निलंबित रखते हैं और जब कोई राजनीतिक दल सरकार बनाने का दावा पेश करती है तो आप विधानसभा को भंग कर देती है। यह नीति गलत और अलोकतांत्रिक है। इससे पहले बीजेपी व केंद्र सरकार राज्यपाल के फैसले को सही ठहराया था। वहीं, कश्मीर केंद्रित पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, नेशनल कान्फ्रेंस और उन्हें सहयोग दे रही कांग्रेस ने इसे उनकी सरकार के गठन को रोकने की साजिश करार दिया था। ऐसे हालात में गगन भगत ने बीजेपी को नजरअंदाज करते हुए राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी थी। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश किए जाने के कुछ ही देर बाद जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य विधानसभा को भंग कर दिया था और साथ ही कहा था कि जम्मू कश्मीर के संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की गई है। इससे कुछ ही समय पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस और नेका के समर्थन से जम्मू- कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश किया था। मुफ्ती ने राज्यपाल मलिक को लिखे पत्र में कहा था कि राज्य विधानसभा में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके 29 सदस्य हैं। उन्होंने लिखा था कि आपको मीडिया की खबरों में पता चला होगा कि कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस ने भी राज्य में सरकार बनाने के लिए हमारी पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया है। नेशनल कान्फ्रेंस के सदस्यों की संख्या 15 है और कांग्रेस के 12 विधायक हैं। अतः हमारी सामूहिक संख्या 56 हो जाती है। महबूबा ने अपने पत्र में कहा था कि चूंकि इस समय मैं श्रीनगर में हूं, इसलिए मेरा आपसे तत्काल मुलाकात करना संभव नहीं होगा और यह आपको इस बाबत सूचित करने के लिए है कि हम जल्द ही राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए आपकी सुविधानुसार मिलना चाहेंगे।

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