राफेल पर मांफी मांगे कांग्रेस

By: Dec 15th, 2018 12:05 am

हमीरपुर—हिमाचल प्रदेश लोकसभा में पार्टी चीफ व्हिप और हमीरपुर सांसद अनुराग ठाकुर ने राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इसे सेना और देशवासियों की जीत बताते हुए कहा कि राफेल पर कांग्रेस पार्टी द्वारा फैलाए गए झूठ और लोगों को गुमराह करने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लिए देश सर्वोपरि है और हम राष्ट्रीय सुरक्षा, अस्मिता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मगर इसके ठीक उल्टे कांग्रेस पार्टी के नेताओं और उनके अध्यक्ष ने खोखले दावों और झूठी बातों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश की साख को गिराने का प्रयास किया है। फ्रांस से राफेल डील देश की सुरक्षा संबंधी एक अहम सैन्य डील है, जिसे लेकर शुरुआत से ही कांग्रेस पार्टी भ्रामक प्रचार और झूठी अफवाहें फैला रही है। आज माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर कोर्ट में दाखिल सभी याचिकाएं खारिज करते हुए इसे पूरी तरह पारदर्शी और देश के हित में बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील को किसी भी अनियमितता और कारोबारी पक्षपात से परे बताते हुए इसमें किसी भी प्रकार के संदेह करने और दखल देने की जरूरत से इंकार किया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि देश को लड़ाकू विमानों की जरूरत है और राफेल डील में तय प्रक्रिया का पालन किया गया है। माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला विपक्ष के मुंह पर करारा तमाचा है और देश को गुमराह करने, झूठ बोलने तथ्यहीन आरोप लगाने के लिए विपक्ष को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। अनुराग ठाकुर ने कहा कि इससे पहले भी मैनें संसद में विपक्ष के दावों का तथ्यों के आधार पर खंडन किया था। मगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने कांग्रेस पार्टी समेत पूरे विपक्ष के झूठ की पोल खोल कर रख दी है। भाजपा सरकार संसद के अंदर तथ्यों के आधार पर राफेल डील पर चर्चा करने को तैयार है दिन और समय कांग्रेस पार्टी तय कर ले। साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष को राफेल पर सरकार को कठघरे में खड़े करने के बारे अपने तथ्यों और आरोपों का स्रोत भी देश के सामने रखना चाहिए। क्या कारण रहे कि कांग्रेस शासनकाल में 2007 से 2014 तक यह डील फाइनल नहीं हुई। क्या कमीशन के चलते सौदे में देरी हुई। देश जानता है कि कांग्रेस पार्टी ने पीढि़यों से अपने हर डील में बिचौलिए को शामिल किया। मोदी सरकार ने बिचौलियों को हटवहीं, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा जो राशि विद्यार्थियों के खाते में डाली गई है उस राशि का प्रयोग केवल प्रोजेक्ट व मॉडल बनाने में ही प्रयोग हो। अगर कोई स्कूल मुखिया ऐसा नहीं करता है उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ाकर सरकार टू सरकार डील कर पूरी पारदर्शिता बरती है। यदि राहुल गांधी को इस डील की किसी प्रक्रिया से आपत्ति थी, तो वह अपने तथ्य रखने सुप्रीम कोर्ट क्यों

 


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