वर्ष 2019 में भारत

By: Dec 29th, 2018 12:08 am

अंग्रेजी सम्वत 2019 मंगलवार प्रातः 12 बजे मध्यरात्रि से कन्या लग्न में प्रवेश कर रहा है। वर्ष का राजा मंगल और मंत्री बुध है। स्वाति नक्षत्र में वर्ष प्रवेश के कारण संघर्ष का दौर रहेगा, आंगल वर्ष अनुसार मंगल जहां राजा रहेगा, वहीं मंत्री बुध, अनेक अच्छी-अच्छी योजना सरकार बनाएगी जरूर, मगर जनता तक पहुंचने में कुछ लोगों की कार्यशैली से पहुंच नहीं पाएंगी, विक्रमी सम्वत अनुसार 1 जनवरी से पांच अप्रैल तक 2075 सम्वत की समाप्ति से राजा सूर्य और मंत्री शनि रहेगा…

अंग्रेजी सम्वत 2019 मंगलवार प्रातः 12 बजे मध्यरात्रि से कन्या लग्न में प्रवेश कर रहा है। वर्ष का राजा मंगल और मंत्री बुध है। स्वाति नक्षत्र में वर्ष प्रवेश के कारण संघर्ष का दौर रहेगा, आंगल वर्ष अनुसार मंगल जहां राजा रहेगा, वहीं मंत्री बुध, अनेक अच्छी-अच्छी योजना सरकार बनाएगी जरूर, मगर जनता तक पहुंचने में कुछ लोगों की कार्यशैली से पहुंच नहीं पाएंगी, विक्रमी सम्वत अनुसार 1 जनवरी से पांच अप्रैल तक 2075 सम्वत की समाप्ति से राजा सूर्य और मंत्री शनि रहेगा। जनवरी, 2019 सूर्य व शनि के मध्य में अशं-कलात्मक युति तथा वृश्चियक राशि में गुरु-शुक्र योग से प्रधानमंत्री को कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपद्रवी घटनाएं हो सकती हैं। देश के कुछ भागों में आंतरिक कलह, अशांति एवं युद्ध जैसा वातावरण भी बन सकता है, दैनिक उपयोग में आने वाली चीजों के दाम बढ़ेंगे, कुछ राज्यों में सत्ता परिवर्तन जैसे हालात भी बनेंगे। वर्षा व बर्फबारी से शीतलहर का दौर चलेगा, फरवरी में महंगाई में वृद्धि के कारण सरकार को जनआक्रोश का सामना करना पड़ सकता है। कुछ प्रदेशों विशेषकर असम, प. बंगाल व कश्मीर आदि प्रदेशों में कहीं उपद्रव, हिंसक व विस्फोटक घटनाएं अधिक घटेंगी। राजनीतिक दलों के मध्य आरोप-प्रत्यारोपों का दौर तेज होगा। कुछ प्रदेशों में अग्निकांड की घटनाएं भी होने की संभावना बन रही है। 7 मार्च राहु मिथुन में आने पर व धनु राशि में शनि केतु का योग पश्चिमी एवं यवन देशों में आंतरिक गृह युद्ध का माहौल बनेगा, पेट्रोल, तेल आदि के दाम बढ़ेंगे, उत्तर पश्चिमी भारत में तेज आंधियों का दौर रहेगा व खंड वर्षा भी होगी।

27 मार्च से गुरु धनु राशि (स्वराशि) में आकर शनि एवं केतु के साथ योग बनेगा। इन पर मंगल की अष्टम विशेष दृष्टि रहने के कारण राजनीतिक वातावरण जहां अनिश्चित सा रहेगा, वहीं असमंजसपूर्ण स्थिति भी रहेगी, दैनिक उपयोग में आने वाली कीमतों में वृद्धि होगी, असंतोष भरा माहौल जनता में रहेगा। 5 अप्रैल, 2019 खेती नक्षत्रकालीन चर लग्न कर्क में परिधावी नामक संवत्सर विक्रमी सम्वत 2076 भारतीय नववर्ष का शुभारंभ हो रहा है। लग्न आदिपति चंद्रमा नवम भाव (विकास और योजना) सूर्य के साथ स्थित है तथा सम्वत अनुसार 2076 का राजा शनि और मंत्री सूर्य होने से भाग्य भाव पर गुप्त शत्रु दृष्टि शनि की पड़ रही है। शनि जो कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों का स्वामी (सप्तमधिपति) भी बन गया है। इस पर मंगल की शत्रु दृष्टि भी रहेगी। मंगल-शनि के मध्य षडाष्टक योग बना हुआ है। सभी ग्रह राहु-केतु मध्य होने से ‘काल सर्प योग’ भी बना हुआ है। दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय एवं भारत के घरेलू हालात अत्यंत असमंजसपूर्ण एवं तनावपूर्ण होंगे। राजा व मंत्री पद 2076 सम्वत को दोनों परस्पर विरोधी ग्रहों शनि-सूर्य को प्राप्त होने से वर्षा, फलों तथा सेना के अधिकार शनि के पास होने से अस्थिरता भरा माहौल रहेगा। समाज में क्रोध एवं आवेश के कारण हिंसक एवं सांप्रदायिक घटनाएं अधिक होंगी। सरकार कड़े कदम उठाने से गुरेज नहीं करेगी, फिर भी समाज में असुरक्षा का भाव बना रहेगा। विक्रमी सम्वत परिधावी सम्वत 2076 का शुभ आरंभ चैत्र अमावस्या की समाप्ति पर शनिवार 6 अप्रैल चैत्र शुक्ल पक्ष प्रविष्टे 24 रेवती नक्षत्र में होगा, घटस्थापन अभिजित मुहूर्त में करना शुभ रहेगा। भारत में परंपरागत से चला आ रहा यह पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। 6 अप्रैल से 14 अप्रैल चैत्र प्रतिपदा से नवमी पर्यन्त प्रतिदिन श्रीदुर्गा व श्रीगणेश के सामने पूजन-अर्चन होंगे।

इस वर्ष 2019 को होने जा रहे लोकसभा चुनाव वर्ष कुंडली विक्रमी सम्वत 2076 परिधावी अनुसार काल सर्प योग के दौरान घटित होंगे। इन चुनावों में अप्रत्याशित परिणाम सामने आएंगे। राजनीतिक अस्थिरता का माहौल देखने को मिलेगा, एनडीए तथा विपक्षी महागठबंधन के बीच नए-नए समीकरण बनेंगे। चुनावों के परिणाम बाद अत्यंत गहमागहमी भरा माहौल रहेगा। 7 मई से 21 जून तक समसप्तक योग होने से इस काल में भारत का राजनीतिक वातावरण आरोप-प्रत्यारोप भरा रहेगा। कर्क लग्न में वर्ष का उदय होने से पूर्वी देश में एवं पूर्वी प्रांतों में सुख-समृद्धिदायक वातावरण रहेगा, सुख-साधनों की वृद्धि होगी, पूर्वी प्रदेश व देश प्रगति पथ पर आगे बढ़ेगा, परंतु उत्तरी भारत व देशों में प्राकृतिक प्रकोपों, भूकंपादि घटनाएं घटेंगी, कश्मीर में आतंकवाद से निपटने में भारतीय सेना कोई कसर नहीं छोड़ेगी। देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण पर ठोस योजना बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ग्लोबल वार्मिंग के कारण कई देशों में ऋतु परिवर्तन देखने को मिलेगा। वर्ष कुंडली के चारों केंद्रों में कोई भी शुभ ग्रह न होने से जनता की मनस्थिति असंतोष भरी रहेगी।

पड़ोसी देश पाकिस्तान के शासकों को स्थानीय जनता के विरोध का भारी सामना करना पड़ेगा। अप्रिय घटनाएं सामने आने से मानवता प्रिय जनता अत्यंत दुखी रहेगी, विस्फोटक घटनाओं के कारण बेकसूर लोगों को अपने अमूल्य जीवन गंवाने पड़ेंगे। भारत के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाने की नाटकीय पहल बार-बार करता रहेगा। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का 69वां वर्ष चल रहा है। 17-9-1950 को जन्मे मोदी जी का सितंबर, 2018 से 69वां शुरू हो चुका है। जन्म लग्न अनुसार 69वां वर्ष सुदर्शन चक्र अनुसार कर्क लग्न में ही शुरू हो रहा है। राशि का स्वामी चंद्रमा और चंद्रमा की महादशा 30-11-2011 से शुरू है जो 30-11-2021 को समाप्त होगी। चंद्रमा महादशा में चलेगा। सूर्य केतु बुध इकट्ठे लाभ स्थान मिथुन राशि में विराजमान हैं। अत्यंत परिश्रम करते हुए अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए पूर्ण आत्मविश्वास से आगे बढ़ेंगे और सोची मंजिल पाएंगे। 30 सितंबर तक अपनी सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, चंद्रमा वृश्चिक राशि में मंगल के साथ लग्न में बैठा है, नीच का चंद्रमा कुंडली में मंगल के साथ बैठने के कारण आध्यात्मिक बल भी देता है। अपनी माता जी के स्वास्थ्य का इस वर्ष विशेष ध्यान देना जरूरी है। अंतरराष्ट्रीय छवि बढ़ेगी।

वर्ष कुंडली में कालसर्प योग बनने के कारण दिग्गज राजनेता का आकस्मिक निधन जनता को शोकग्रस्त करेगा, किसी अभिनय जगत के नामी सितारे का जाना भी दुखी करेगा। कुल मिलाकर शनि राजा व मंत्री सूर्य विक्रमी सम्वत 2076 की कुंडली और अंग्रेजी वर्ष 2019 का राजा मंगल और बुध दर्शाता है कि अच्छी घटनाएं कम और अप्रिय घटनाएं अधिक देखने को मिलेंगी। देश के सभी नागरिक आपसी भाईचारे पर बल दें और सभी सुखद माहौल बनाने में आगे आएं, ताकि देश में सुखद माहौल बनाने में सभी की सराहनीय भूमिका रह सके।

— डा. रोशन लाल बाली


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App