वायरल इन्फेक्शन से बच्‍चे की देखभाल

By: Dec 22nd, 2018 12:04 am

कीटाणुओं से होने वाले ज्यादातर इन्फेक्शन वायरस और बैक्टीरिया के कारण होते हैं। हालांकि आप कीटाणुओं को फैलने से रोकने में कामयाब हो सकते हैं, लेकिन हमेशा अपने बच्चे को बीमार होने से नहीं रोक पाते। इसलिए माता-पिता के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि वायरल इन्फेक्शन होने पर बच्चों की देखभाल कैसे की जाए…

सर्दी के मौसम में वायरल इन्फेक्शन का खतरा सबसे ज्यादा होता है। वायरल इन्फेक्शन न केवल बड़ों, बल्कि छोटों के लिए भी परेशानी का कारण बन सकता है। इसमें होने वाला बुखार, जुकाम या कफ  को बड़े तो झेल लेते हैं, लेकिन इससे बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अकसर आप शिशु में होने वाले बदलावों को छोटा समझ कर इग्नोर कर देते हैं, लेकिन यह वायरल इन्फेक्शन के संकेत भी हो सकते हंै। इन्हें नजरअंदाज करने के बजाय आपको तुरंत डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। कीटाणुओं से होने वाले ज्यादातर इन्फेक्शन वायरस और बैक्टीरिया के कारण होते हैं। हालांकि आप कीटाणुओं को फैलने से रोकने में कामयाब हो सकते हैं, लेकिन हमेशा अपने बच्चे को बीमार होने से नहीं रोक पाते। इसलिए माता-पिता के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि वायरल इन्फेक्शन होने पर बच्चों की देखभाल कैसे की जाए। आइए जानें कि बच्चे के वायरल इन्फेक्शन से ग्रस्त होने पर क्या करना चाहिए।

खांसी के लिए शहद- बच्चे को खांसी से राहत देने के लिए आप उसे शहद भी दे सकते हैं। 2 से 5 आयु वर्ग के बच्चे को आधा चम्मच और 6 से 11 आयु वर्ग के बच्चे को पूरा चम्मच शहद देना चाहिए। सोते समय शहद देने पर आपके बच्चे को सुबह राहत मिल सकती है। अदरक का पानी- थोड़ी सी अदरक को पीस कर एक कप पानी में थोड़ी देर उबाल लें। इसमें शहद मिलाकर बच्चे को दिन में दो-तीन बार पिलाएं। सांस का ख्याल रखें- वायरल इन्फेक्शन के दौरान सांस लेने में तकलीफ  होना सबसे आम जटिलताओं में से एक है। बच्चे को ठीक से सांस लेने में मदद करने के लिए कमरे में नमी होना बहुत जरूरी होता है। इसलिए नमी बनाए रखने के लिए बच्चे के कमरे में ह्यूमिडिफायर और वेपोराइजर का इस्तेमाल करें।

एंटीबायोटिक दवाओं के लिए डाक्टर से पूछें- वैसे तो एंटीबायोटिक्स वायरल संक्रमण के लिए काम नहीं करती, लेकिन डाक्टर कुछ मामलों में इन्फ्लूएंजा के लिए एंटीवायरल दवाओं को लेने के लिए कहते हैं। अगर आवश्यक हो तो अपने डाक्टर से इस विषय में सलाह लें।  नवजात शिशु का कैसे रखें ख्याल – नवजात बहुत नाजुक होते हैं। डिलीवरी के बाद उनके अभिभावकों को सबसे अधिक चिंता इसी बात की होती है कि बच्चे का ध्यान किस तरह रखा जाए। शिशु को क्या दिया जाए और किन चीजों से उसकी रक्षा की जाए। इस बारे में तीन बिंदु महत्त्वपूर्ण होते हैं, जिनका ध्यान रखा जाना चाहिए। पहला बिंदु ये कि बच्चे को इन्फेक्शन बहुत जल्दी हो जाती है। ऐसा इस कारण होता है, क्योंकि नवजात के शरीर में इन्फेक्शन से लड़ने की अधिक ताकत नहीं होती। शिशु को छूने व चूमने से उसे ये इन्फेक्शन होता है। शिशु को इन्फेक्शन से बचाना जरूरी होता है। दूसरी चीज है स्तनपान। शिशु का पेट छोटा होता है इसलिए उसे बार-बार स्तनपान कराए जाने की जरूरत होती है। बच्चों से संबंधित तीसरी चीज जिसका ध्यान रखा जाना जरूरी है वो है उसे गरमाहट देना। इसकी जरूरत इसलिए पड़ती है,क्योंकि नवजात को बहुत जल्दी ठंड लग जाती है।


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