संसद में केंद्र की खिंचाई

By: Dec 14th, 2018 12:02 am

नई दिल्ली -पिछले 110 साल में देश का औसत तापमान 0.60 डिग्री बढ़ चुका है, जिसके कारण ग्लेशियरों के पिघलने की रफ्तार भी लगातार बढ़ती जा रही है। संसद की आंकलन समिति की लोकसभा में गुरुवार को पेश एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसमें बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण देश में गेहूं तथा मक्के के उत्पादन में कमी आएगी और दूध उत्पादन भी घटने की आशंका है। साथ ही स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में सरकार की ओर से बरती जा रही कोताही के लिए समिति ने उसकी खिंचाई भी की है। जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना के प्रदर्शन के विषय में जारी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर तापमान में वृद्धि के साथ ही देश का औसत तापमान भी पिछले 110 साल में 0.60 डिग्री बढ़ गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों का उत्पादन घट सकता है। यदि अनुकूलन के उचित कदम नहीं उठाए गए तो वर्ष 2050 तक गेहूं के उत्पादन में छह से 23 प्रतिशत और मक्के के उत्पादन में 18 प्रतिशत की कमी आ सकती है। इसमें यह भी कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अनाजों में पोषक तत्त्वों की मात्रा भी कम हो सकती है।

 


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