सोसायटियों में अपने नहीं हो पाएंगे एडजस्ट

By: Dec 14th, 2018 12:02 am

सहकारी सभाओं में गड़बड़ रोकने के लिए बनेंगे सख्त नियम, उड़नदस्ते करेंगे चैकिंग

धर्मशाला —सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. राजीव सहजल ने कहा है कि सरकार प्रदेश में सहकारिता को मजबूत बनाने और गड़बड़ रोकने के लिए सख्त नियम बनाएगी। अब अपने पुत्रों और रिश्तेदारों को आसानी से सोसायटियों में एडजस्ट नहीं किया जा सकेगा। पूरे काम में पारदर्शिता लाने के लिए सहकारी सभाओं के ऑडिट को विशेष अंकेक्षक लगाए जाएंगे। यह बात श्री सहजल ने सदन में विधायक बलवीर सिंह द्वारा सहकारी सोसायटियों में व्याप्त भ्रष्टाचार को राकने के लिए नीति बनाने की मांग को लेकर लाए गए संकल्प पर कही। उन्होंने कहा कि सहकारी अधिनियम व नियम में उचित संशोधन कर भ्रष्टाचार निरोधक प्रावधानों का समावेश किया जाएगा। निदेशालय स्तर पर गठित भ्रष्टाचार प्रकोष्ठ को अधिक सशक्त व कार्यशील किया जाएगा। सहकारी सभाओं व सहकारी बैंक के औचक निरीक्षण हेतु विशेषज्ञों के उड़नदस्तों का गठन होगा। प्रदेश में कार्यरत सहकारी बैकों में भ्रष्टाचार के निवारण हेतु सतर्कता प्रकोष्ठ विद्यमान हैं, जिनमें भ्रष्टाचार के सभी मामलों की छानबीन करके उचित कार्यवाही की जाती है। जैसे ही भ्रष्टाचार से संबंधित मामला बैकों के संज्ञान में आता है, बैंक अपने स्तर पर दोषियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हैं तथा जहां आवश्यकता हो वहां शिकायतें भी दर्ज की जाती है। यदि भ्रष्टाचार का मामला एक करोड़ रुपए से ऊपर हो तो नाबार्ड के निर्देशानुसार मामला सीबीआई को प्रेषित किया जाता है।

अमानत पर लगेगी रोक

मंत्री ने बताया कि प्रदेश की सहकारी सभाओं की कार्यप्रणाली में एकरूपता लाने के लिए कम्प्यूटरीकरण किया जाएगा। आरबीआई के परामर्श तथा बैंकिंग विनियमन अधिनियम-1949 के तहत प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं में गैर सदस्यों से अमानतें लेने पर विभाग द्वारा रोक लगाई जाएगी। सहकारिता विभाग द्वारा सहकारी बैंकों में व्यवसायिक महाप्रबंधक लगाए जाएंगे।


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