सौर बाड़बंदी से होगा फसल संरक्षण

By: Dec 25th, 2018 12:06 am

किशन चंद चौधरी

लेखक, बड़ोह, कांगड़ा से हैं

ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों द्वारा फसलें नष्ट करने के कारण किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं, इससे जहां बेरोजगारी बढ़ रही है, वहीं खेती से प्राप्त होने वाले खाद्यान्न में भारी कमी आ रही है। गांवों से युवा का पलायन हो रहा है। इससे एक गंभीर समस्या पैदा हो रही है। सरकार को फसल संरक्षण में सहायक सौर बाड़बंदी की योजना को व्यापक रूप में गांवों में कार्यान्वित किया जाना अति आवश्यक है। इससे जहां युवाओं को खेती करने से रोजगार मिलेगा, वहीं खेती करने से ग्रामीण जनता की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी…

हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में कृषि व संबंधित क्षेत्रों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। राज्य के सकल घरेलू उत्पादन में कृषि व इससे जुड़े क्षेत्रों का लगभग 10 प्रतिशत योगदान है। राज्य में 5.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्रों पर कृषि की जाती है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए अनेक योजनाएं, कार्यक्रम चलाए गए हैं, ताकि कृषि उत्पादों के उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ किसानों की आर्थिकी भी सुदृढ़ हो सके। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत राज्य सरकार वर्ष 2022 तक किसानों को उनकी आय दोगुना करने की दिशा में प्रयासरत है। इसी उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार ने 35 करोड़ रुपए का प्रावधान सिर्फ सोलर फेंसिंग के लिए रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बसने वाले किसानों में खेती करने का रुझान कम होता जा रहा है। इसका मुख्य कारण पिछले कुछ वर्षों से जंगली जानवरों की वजह से किसानों की फसलें नष्ट होना है। कृषि व बागबानी विभाग की रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 1.56 लाख हेक्टेयर फसलें बंदरों, लंगूरों और जंगली सूअरों से नष्ट होरही हैं।

सरकार की 2004 की गणना में राज्य में 317112 बंदर बताए गए थे। कागजों में यह बताया गया कि नसबंदी से यह आंकड़ा कम हुआ है, पर गैर सरकारी संस्थाएं बंदरों की संख्या बढ़ने का दावा करती आ रही हैं। जंगली जानवरों से फसल को बचाने के लिए कई पारंपरिक तरीके अपनाए गए, लेकिन संरक्षण के सभी प्रयास असफल हुए हैं। अब सोलर बाड़ को एक अच्छे विकल्प के रूप में देखा गया है।

फसल सुरक्षा के लिए सौर संचालित बाड़ को पल्सिंग के साथ विद्युतकृत किया गया है, जिससे बाड़ को छूने वाले जानवर को एक बिजली का झटका लगता है। कांटेदार तारें लगाने के पारंपरिक तरीके से अलग इसमें सीधी तारें लगती हैं। जो जानवर इन्हें छूता है वह एक बार झटका खाने के बाद मनोवैज्ञानिक तौर पर हमेशा के लिए दूरी बना लेता है और दोबारा वहां नहीं आता। वर्तमान सरकार ने इस बार बजट में योजना बनाई है कि किसानों व बागबानों की फसलों को बचाने के लिए सोलर फेंसिंग यानी बिजली से चार्ज होने वाली बैटरी से ऐसी बाड़ लगेगी, जिसमें 80 प्रतिशत खर्चा राज्य सरकार देगी और 20 प्रतिशत किसान देगा। अगर तीन किसान मिलकर इस बाड़ को लगाते हैं तो बाड़ को लगाने का 85 प्रतिशत खर्चा सरकार देगी और 15 प्रतिशत हिस्सा किसानों को देना होगा। इस योजना को अधिक प्रभावी एवं कारगर बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की 89.96 प्रतिशत जनता को व्यापक जानकारी उपलब्ध करानी होगी। प्रदेश की 3247 पंचायतों की ग्राम सभाओं में इससे संबंधित जानकारी के लिए विभागों को  व्यापक योजना तैयार करनी चाहिए, ताकि विभागों के साथ-साथ जनसहयोग सुनिश्चित किया जा सके, इससे ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों में खेती करने का आकर्षण बढ़ेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों द्वारा फसलें नष्ट करने के कारण किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं, इससे जहां बेरोजगारी बढ़ रही है, वहीं खेती से प्राप्त होने वाले खाद्यान्न में भारी कमी आ रही है। गांवों से युवा का पलायन हो रहा है। इससे एक गंभीर समस्या पैदा हो रही है। सरकार को फसल संरक्षण में सहायक सौर बाड़बंदी की योजना को व्यापक रूप में गांवों में कार्यान्वित करना अति आवश्यक है। इससे जहां युवाओं को खेती करने से रोजगार मिलेगा, वहीं खेती करने से ग्रामीण जनता की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी।

किसी भी योजना के धरातल तक पहुंचने व सफल होने का यही मंत्र है कि सारा तंत्र शीर्ष से लेकर निम्न स्तर तक एकजुट, अनुशासित, कर्त्तव्यनिष्ठ और जिम्मेदार हो, तो कोई कारण ऐसा नहीं बचता कि सफलता न मिले, परंतु विडंबना है कि हम बातें अधिक और काम कम करते हैं। हम सभी को अपने निजी स्वार्थों को भूल कर समाज एवं देश के हित में कार्य करने की आदत डालनी होगी, तभी हम एक ऐसे हिमाचल का निर्माण कर पाएंगे, जो विकास और जनकल्याण की दृष्टि से देश भर में अग्रणी होगा।

हिमाचली लेखकों के लिए

लेखकों से आग्रह है कि इस स्तंभ के लिए सीमित आकार के लेख अपने परिचय तथा चित्र सहित भेजें। हिमाचल से संबंधित उन्हीं विषयों पर गौर होगा, जो तथ्यपुष्ट, अनुसंधान व अनुभव के आधार पर लिखे गए होंगे।                    -संपादक


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