हिंदी में कार्य निपटाना नैतिक ही नहीं, हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी

By: Dec 1st, 2018 12:09 am

चंबा —शुक्रवार को नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति डलहौजी की वर्ष 2018 की दूसरी छमाही की बैठक का आयोजन एनएचपीसी चमेरा-दो पावर स्टेशन करियां में किया गया। बैठक का आगाज रामपाल शर्मा मुख्य महाप्रबंधक चमेरा पावर स्टेशन-एक खैरी व आलोक कुमार मुख्य महाप्रबंधक, चमेरा-दो पावर स्टेशन करियां सहित उनके आधीन पावर स्टेशन से आए प्रमुखों की ओर से दीप प्रज्वलित किया। बैठक के दौरान सभी पावर स्टेशन प्रमुखों व सदस्य नराकास कार्यालयों के प्रमुखों ने राजभाषा हिंदी की प्रगति पर अपने विचार रखे। बैठक में नराकास डलहौजी के सदस्य कार्यालयों के प्रतिनिधियों ने अपनी छमाही रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा बैठक में राजभाषा हिंदी की प्रगति के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की।  मुख्य महाप्रबंधक रामपाल शर्मा ने कहा कि राजभाषा हिंदी का प्रचार-प्रसार करना व अपने कार्यालयीन कार्यों में हिंदी को बढ़ावा देना हमारी नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा हिंदी भाषा की प्रगति के लिए किए जा रहे प्रयत्न सराहनीय हैं। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक आलोक कुमार ने कहा कि भाषा प्रत्येक समाज की सांस्कृतिक और अस्मिता की पहचान होती है। हर देश की कोई न कोई एक प्रमुख भाषा होती है, जो उसका गौरव होती है। राजभाषा मतलब सरकारी कामकाज की भाषा और जिससे एक भी सरकार के कामकाज को समझ सके। किसी भी भाषा को राजभाषा बनने के लिए उसमें सर्वव्यापकताएं प्रचुर साहित्य रचनाएं बनावट की दृष्टि से सरलता और वैज्ञानिकता सब प्रकार के भावों को प्रकट करने की सामर्थ्य आदि गुण होने अनिवार्य होते हैं। यह सभी गुण हिंदी भाषा में निहित हैं। उन्होंने कहा कि नराकास का एकमात्र उद्देश्य है कि सरकारी कामकाज में अधिक से अधिक कार्य हिंदी में किए जाएं, ताकि हिंदी को बढ़ावा दिया जा सके।

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