3500 ट्रकों के पहिए जाम

By: Dec 29th, 2018 12:01 am

एक्सल लोड न बढ़ाने पर सीमेंट कंपनी-परिवहन सभाओं में गतिरोध

बिलासपुर – बिलासपुर-सोलन की सीमा पर स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी में ट्रकों का एक्सल लोड न बढ़ाए जाने की वजह से कंपनी और परिवहन सहकारी सभाओं के बीच पैदा हुए गतिरोध के कारण 3500 ट्रकों के पहिए जाम हो गए हैं। चार दिन से सड़कों के किनारे सैकड़ों ट्रक खड़े हैं, जिसकी वजह से हर दिन आपरेटरों को खासा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। मसले का हल निकालने के लिए जिला प्रशासन ने शनिवार को कंपनी व ट्रक आपरेटरों की मीटिंग कॉल की है। यह मीटिंग अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी श्रवण मांटा की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी, जिसमें सदर बिलासपुर की एसडीएम प्रियंका वर्मा, डीएसपी मुख्यालय संजय शर्मा, सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं विभाग रमेश शर्मा के अलावा अल्ट्राटेक कंपनी प्रबंधन और ट्रक को-आप्रेटिव सोसायटी के पदाधिकारी शिरकत करेंगे। च्इस बैठक में भाग लेने के लिए एडीएम कार्यालय की तरफ से सभी को पत्र भेजे गए हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने जुलाई में एक्सल भार बढ़ाने को लेकर बाकायदा अधिसूचना भी जारी कर दी है। बावजूद इसके कंपनी प्रबंधन इस अधिसूचना को अमलीजामा पहनाने के लिए दिलचस्पी नहीं दिखा रहा, जिससे खफा ट्रक आपरेटरों ने ऐलान ए जंग कर दिया है और ट्रक खड़े कर दिए हैं। उधर, खारसी सभा के महासचिव दौलत सिंह ठाकुर ने बताया कि वर्तमान में छह टायर वाले वाहनों की लोडिंग क्षमता नौ टन है। केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन के बाद अब इनकी भार क्षमता 12 टन हो गई है। नई क्षमता के लिहाज से छह टायर वाले वाहनों की कैपेसिटी अब 16200 के बजाय 18500 किलोग्राम गाड़ी के भार समेत हो गई है। इसी प्रकार दस टायर वाले वाहनों की क्षमता 25000 से 28000, 14 टायर वाले वाहन की क्षमता 37000 से 42000, 18 टायर वाले की 40,200 से 48,000 तथा व 22 टायर वाले की 49000 से बढ़कर 55000 किलोग्राम हो गई है।

यह सही रहेगा

खारसी सभा के महासचिव दौलत सिंह ठाकुर के अनुसार यदि उन्हें 12 टन माल दिया जाए, तो इससे न केवल ट्रक आपरेटरों को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि सड़क पर यातयात भी कम होगा। यही नहीं, तीन ट्रकों का माल दो ट्रक लेकर जाएंगे। इससे जहां प्रदूषण कम होगा, वहीं यातायात में कमी होने से बार-बार पैदा हो रही ट्रैफिक जाम की समस्या का भी स्थायी समाधान हो जाएगा। इसके लिए कंपनी को कोई अतिरिक्त काम भी नहीं करना पड़ेगा। माल ढुलाई का भार बढ़ने से ट्रक आपरेटरों को किराए के रूप में 33 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी तथा यातायात में भी 33 प्रतिशत कमी होगी। इससे यातायात दबाव काफी कम होगा। इस बाबत जिलाधीश को एक ज्ञापन प्रेषित गया है। बावजूद इसके कंपनी प्रबंधन सकारात्मक कदम नहीं उठा रहा है। बहरहाल अब शनिवार को होने वाली बैठक में मसले पर चर्चा की जाएगी। दौलत सिंह का कहना है कि यदि मीटिंग में भी कोई हल नहीं निकलता है, तो ट्रक आपरेटर बड़े स्तर पर आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।


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