कालिका-सहस्रनाम
-गतांक से आगे…
कर्त्री हर्त्री पालयित्री शर्वरी तामसी दया।
तमिस्रा यामिनीस्था न स्थिरा धीरा तपस्विनी।। 38।।
चार्वङ्गी चंचला लोल-जिह्वा चारु-चरित्रिणी।
त्रपा त्रपा-वती लज्जा निर्लज्जा ह्नीं रजोवती।। 39।।
सत्व-वती धर्म-निष्ठा श्रेष्ठा निष्ठुर-वादिनी।
गरिष्ठा दुष्ट-संहत्री विशिष्टा श्रेयसी घृणा
।। 40।।
भीमा भयानका भीमा-नादिनी भीःप्रभावती।
वागीश्वरी श्रीर्यमुना यज्ञ-कर्त्री यजुः-प्रिया।। 41।।
ऋक्-सामाथर्व-निलया रागिणी शोभन-स्वरा।
कल-कण्ठी कम्बु-कण्ठी वेणु-वीणा-परायणा।। 42।।
वशिनी वैष्णवी स्वच्छा धात्री त्रि-जगदीश्वरी।
मधुमती कुण्डलिनी शक्तिः ऋद्धिः सिद्धिः शुचि-स्मिता।। 43।।
रम्भोवैशी रती रामा रोहिणी रेवती मघा।
शङ्खिनी चक्रिणी कृष्णा गदिनी पद्मनी तथा।। 44।।
शूलिनी परिघास्त्रा च पाशिनी शार्ङ्ग-पाणिनी।
पिनाक-धारिणी धूम्रा सुरभि वन-मालिनी।। 45।।
रथिनी समर-प्रीता च वेगिनी रण-पण्डिता।
जटिनी वङ्किणी नीला लावण्याम्बुधि-चंद्रिका।। 46।।
बलि-प्रिया महा-पूज्या पूर्णा दैत्येंद्र-मंथिनी।
महिषासुर-संहंत्री वासिनी रक्त-दंतिका
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