ऊर्जा पॉलिसी में संशोधन नाकाफी

By: Jan 2nd, 2019 12:01 am

सीएम के द्वार पहुंचे उत्पादक, नियामक आयोग का अड़ंगा

शिमला -बोनाफाइड हिमाचली पावर प्रोॅड्यूसर एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ने ऊर्जा पालिसी में जो बदलाव किए हैं, विद्युत नियामक आयोग उन्हें मानने को तैयार ही नहीं है।एसोसिएशन ने इसको लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने ऊर्जा नीति में संशोधन तो किया, लेकिन इस लागू नहीं किया जा रहा है। ऐसे में निवेशकों के लिए असमंजस की स्थिति है। एसोसिएशन ने कहा कि आयोग का तर्क है कि पावर परचेज एग्रीमेंट में तब तक बदलाव नहीं होगा,जब तक रेगुलेशन 2017 लागू हैं। ये रेगुलेशन मार्च 2019 तक लागू रहेंगे। हिमाचल में पावर परचेज के रेट पूरे देश में सबसे कम है। इसके अलावा पॉलिसी में जो अन्य छूट सरकार ने दी है, अभी तक वह भी लागू नहीं हो पा रही है।  बोनोफाइड हिमाचली पावर प्रोड्यूसर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने कहा कि नियामक आयोग ने पावर परचेज एग्रीमेंट साइन किया है। उसके तहत हिमाचल में सबसे कम रेट तय किए गए हैं। 2 मेगावाट तक 5 रुपए 10 पैसे व 25 मेगावाट तक 4.28 पैसे तय किए हैं। एसोसिएशन का तर्क है कि हिमाचल में प्रोजेक्ट लगाने की लागत काफी ज्यादा बढ़ गई है। हिमाचल में अभी तक केवल 84 परियोजनाएं ही स्थापित हो पाई हैं। 43 परियोजनाएं ऐसी हैं ,जो बैंक के पैसों का भुगतान नहीं कर पाई। सरकार ने 732 के करीब परियोजनाएं अलॉट की हैं। इनमें 465 मेगावाट की 285 परियोजनाएं ऐसी हैं, जो हिमाचल के स्थायी निवासियों को ही मिली हैं। अलॉट होने के बाद भी   काम शुरू नहीं हो पा रहा है।  राजेश शर्मा ने बताया कि एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल इन सभी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला है। मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर इन सभी मांगों को उठाया गया है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस को लेकर बैठक की जाएगी।


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