गिरि किनारे गहरी नींद सोए मासूम

By: Jan 7th, 2019 12:15 am

श्रीरेणुकाजी —ददाहू में गिरि नदी के किनारे तीन मासूम हमेशा के लिए धरती की गोद में सो गए। पांच साल के अभिषेक को बहन संजना के साथ दफनाया गया। साथ ही नैतिक भी धरती मां की गोद में सो गया। शनिवार शाम जब तीनों बच्चों को दफनाया जा रहा था तो चारों तरफ हाहाकार मची हुई थी। हर किसी की आंखें नम थीं। तीनों ही मासूम रजाना गांव में एक साथ खेला करते थे, लेकिन इस बात का इल्म किसी को नहीं था कि तीनों की कब्रगाह भी एक साथ बनेगी। 14 वर्षीय बालक कार्तिक का जोगर के खाला के समीप अंतिम संस्कार हुआ, तो बस ड्राइवर रामस्वरूप का अंतिम संस्कार गिरि नदी के तट पर किया गया। हालांकि सिरमौर में हादसों की लंबी फेहरिस्त है। करीब पांच सालों में ही 200 से अधिक मौतें हुई हैं, लेकिन ऐसा हृदय विदारक हादसा पहली बार हुआ है, जब सात नन्हें मासूमों ने एक साथ अपनी जान गंवाई हो। गौर हो कि चार साल से सात साल तक के नन्हें बच्चे स्कूल तक पहुंचने के लिए 25 किलोमीटर का सफर एकतरफा तय करते थे। लोक निर्माण विभाग के सीपीएस रहे व मौजूदा विधायक विनय कुमार की अपनी गृह पंचायत से ही ये बच्चे सफर करते थे। ददाहू-संगड़ाह मार्ग पर दोसड़का से माइना मार्ग पर गहरी खाइयां देखकर हर किसी की रूह कांप उठती है, मगर सरकार ने यहां क्रैश बैरियर लगाने को लेकर कोई कदम आज तक नहीं उठाए हैं।

पलभर में लुट गया संसार

रजाना क्षेत्र के ही रहने वाले विजेंद्र सिंह को कुदरत की बड़ी मार पड़ी है, जिन्होंने बेटे अभिषेक व बेटी संजना को गंवा दिया। वहीं राजकुमार के जख्म भी गहरे हैं। पांच साल के बेटे समीर के साथ बेटी आरुषि भी इस दुनिया में नहीं रही। दूसरी बेटी रक्षिता पीजीआई चंडीगढ़ में जिंदगी व मौत के बीच संघर्ष कर रही है। चालक के अपने बच्चे भी इस बस में सफर किया करते थे, लेकिन वे शनिवार सुबह स्कूल नहीं आए।


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