गीता गोपीनाथ बनीं आईएमएफ की पहली महिला चीफ इकोनॉमिस्ट
गीता गोपीनाथ आईएमएफ की 11वीं चीफ इकोनॉमिस्ट बनी हैं। गीता अभी तक हार्वर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहीं। मैसूर में जन्मी इंडियन-अमेरिकन अर्थशास्त्री गीता इस पद से जुड़ने वाली पहली महिला हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष आईएमएफ के डायरेक्टर पद पर रहे मौरीस मौरी, ऑब्स्टफेल्ड ने रिटायरमेंट से पहले ही 1 अक्तूबर 2018 को गीता गोपीनाथ के इस पद की घोषणा कर दी थी। मौरीस साल 31 दिसंबर, 2018 को रिटायर हुए। गीता अभी तक हार्वर्ड विश्विद्यालय में प्रोफेसर रहीं। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड का कहना है कि गीता गोपीनाथ दुनिया की बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक हैं। उनके पास उम्दा शैक्षणिक योग्यता के साथ व्यापक अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी हैं। बता दें, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड आईएमएफ की शुरुआत 27 दिसंबर, 1945 से हुई। इसका हेडक्वाटर वॉशिंगटन, डीसी में है। अभी तक कोई भी महिला मुख्य अर्थशास्त्री के पद पर नहीं जुड़ीं। ऐसा पहली बार है जब भारत की गीता गोपीनाथ इस पद को संभालने जा रही हैं।
कौन हैं गीता गोपीनाथ
गीता गोपीनाथ का कर्नाटक के मैसूर शहर में जन्म हुआ। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज से बीए और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिस्ट से एमए की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन से भी एमए किया। इसके बाद साल 2001 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की। इसी साल से शिकागो यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर काम करना शुरू किया। इसके बाद साल 2005 से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाना शुरू किया।
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