जरूरतमंद लोगों को मिले लाभ

By: Jan 22nd, 2019 12:04 am

डा. ओपी शर्मा, शिक्षाविद

प्रदेश में कई क्षेत्रों में विकास हुआ है, परंतु रोजगार में वृद्धि नहीं हो पाई है। इसी प्रकार व्यापार में भी संतोषजनक उन्नति नहीं हुई है। इसी धारणा को लेकर मोदी सरकार ने रोजगार के क्षेत्र को कुछ हद तक विकसित भी किया है। बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए संविधान में कई जातियों को आरक्षण का प्रावधान 1950 से चल रहा है। कई सरकारें आई और गईं, परंतु किसी ने सवर्णों के बारे में नहीं सोचा। सवर्ण जाति में भी गरीब लोग हैं, जिनका जीवनयापन अति कठिन परिस्थितियों में बीत रहा है। उनको लाभ देने के लिए संसद में बिल पास किया गया है। यह आरक्षण हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध तथा अन्य अगड़ी जातियों के गरीबों के लिए है। सवर्ण आरक्षण से वंचित रहे हैं, 67 वर्षों से गरीबी से जूझते रहे हैं। आरक्षण प्राप्त जातियों के प्रति वैमनस्य झेलते रहे हैं। असमानता का जहर फैलता रहा है। इस बिल और गरीब सवर्णों को अवसर देने से समानता, सबका साथ-सबका विकास और पारस्परिक सद्भाव बढे़गा, द्वेष भाव समाप्त होगा। इस बिल से सवर्ण जाति के लोगों को रोजगार और शिक्षण संस्थानों में अधिक अवसर व सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी। आरक्षण आर्थिक आधार पर होगा। आरक्षण का प्रावधान समाज के उस वर्ग के लिए था, जो शैक्षिक, आर्थिक तौर पर कमजोर थे, पिछड़े थे। संविधान में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया था। आरक्षण को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिएं, ताकि यहां भी भ्रष्टाचार अपने पैर न पसार सके। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए भी कारगर नीति की आवश्यकता है। आरक्षण का लाभ जरूरतमंद व्यक्ति को मिले, न्याय मिले, ऐसी हम भारतीयों की कामना है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App