दुनिया के छह रहस्य जिनके जवाब नहीं

By: Jan 26th, 2019 12:05 am

वर्ष 1518 में गर्मी के दिनों में शहर स्ट्रासबर्ग में एक महिला ने सड़क पर भयानक तरीके से नाचना शुरू कर दिया था। दिन से रात हो जाती और रात से दिन, पर उसका नाचना बंद नहीं होता…

प्रकृति के कई रहस्य आज भी अनसुलझे हैं। वैज्ञानिकों ने कुछ रहस्यों से तो पर्दा हटा लिया है, लेकिन दुनिया की कुछ रहस्यजनक चीजों पर से अभी तक पर्दा नहीं हटाया जा सका है। आइए, जानते हैं कुछ ऐसी ही पहेलियों के बारे में जो आज भी सभी के लिए अबूझ बनी हुई हैं ः

द डांसिंग प्लेग ऑफ 1518

इसके बारे में पढ़कर ऐसा लगता है जैसे यह कोई कहानी हो। वर्ष 1518 में गर्मी के दिनों में शहर स्ट्रासबर्ग में एक महिला ने सड़क पर भयानक तरीके से नाचना शुरू कर दिया था। दिन से रात हो जाती और रात से दिन, पर उसका नाचना बंद नहीं होता। एक सप्ताह के भीतर ही 34 अन्य महिलाओं ने भी उसके साथ नाचना शुरू कर दिया। उन्हें देखकर ऐसा लगता था जैसे कि उनके अंदर किसी आत्मा का वास हो गया हो। नाचने की न तो कोई वजह थी और न ही कोई खास मौका। एक महीने के अंदर नाचने वाली महिलाओं की संख्या 400 पहुंच गई। धार्मिक पुरोहितों और लोगों को स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए बुलाया गया। डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को भी बुलाया गया। कई महिलाओं की हालत खराब होने लगी। यहां तक कि कई महिलाओं की नाचते-नाचते मौत हो गई। इसके बाद उनके लिए लकड़ी के स्टेज बनाए गए और अलग से हॉल बनाए गए। लोगों का ऐसा मानना था कि डांस कर रही महिलाओं की स्थिति तभी सुधर पाएगी जब वे रात-दिन नाचेंगी। इस घटना के पीछे कई थ्योरी दी गई। जहर, एपिलेप्सी, सामूहिक मानसिक बीमारी कई वजहें बताई गईं और कई तरीके आजमाए गए, लेकिन इस ऐतिहासिक घटना का आज तक संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका है।

द एसएस ओरंग मेडान

जून 1947 में मलक्का की खाड़ी में व्यापारिक मार्ग से कई जहाज गुजर रहे थे। तभी एक एसओेएस संदेश पहुंचा, ‘जहाज के सभी क्रू सदस्यों की मौत हो गई है।’ नजदीक के जहाज सिग्नल का सोर्स पहचानते हुए उसकी तरफ बढ़े। सबसे नजदीक की मर्चेंट शिप ‘द सिल्वर स्टार’ सिग्नल की तरफ तेजी से पहुंची। ओरंग मेडान पर आते ही वे हैरान रह गए। क्रू के हर सदस्य की मौत हो चुकी थी। जहाज पर शव इधर-उधर बिखरे पड़े थे। कई लोगों की आंखें अब तक खुली हुई थीं और उनके चेहरे पर डर साफ दिख रहा था। जहाज पर सवार कुत्ते की भी मौत हो गई थी। बॉयलर रूम में शवों के नजदीक जाने पर क्रू सदस्यों को बहुत ठंड लगने लगी जबकि तापमान 110 डिग्री फॉरेन हाइट था। आश्चर्यजनक बात यह रही कि किसी भी शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे। ‘द सिल्वर स्टार’ के क्रू सदस्यों ने वापस अपनी शिप पर जाने का फैसला किया। इससे पहले ही डेक के नीचे से धुआं निकलने लगा। एसएस ओरंग मेडान में विस्फोट होने से कुछ सेकंड पहले ही वे किसी तरह अपनी शिप पर वापस पहुंच पाए।


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