नेरचौक मेडिकल कालेज की फूली सांसें

By: Jan 3rd, 2019 12:15 am

नए नवेले आयुर्विज्ञान संस्थान में एक बेड पर लिटाए जा रहे दो मरीज, जोनल अस्पताल मंडी के भी हाल खराब

नेरचौक (मंडी) – प्रदेश सरकार ने जहां एक साल पूरे होने पर होने पर हाल ही में धर्मशाला में जश्न मनाया, तो दूसरी ओर खुद मुख्यमंत्री के गृह जिला में दो बड़े स्वास्थ्य संस्थानों की सांसें फूल चुकी हैं। जिला स्तरीय जोनल अस्पताल मंडी में जहां मात्र 13 ही डाक्टर सेवाएं दे रहे हैं, तो वहीं जोनल अस्पताल से मेडिकल कालेज रैफर किए गए मरीजों को बेड भी नसीब नहीं हो पा रहे हैं। जोनल अस्पताल मंडी में तो ईएनटी, स्किन, साइकोलॉजी की ओपीडी अढ़ाई महीने से ठप है, जबकि मेडिसिन, ऑर्थो, सर्जरी, गायनी में मात्र एक-एक डाक्टर ही सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में सभी मरीज जोनल अस्पताल मंडी से नेरचौक मेडिकल कालेज भेज दिए जाते हैं, लेकिन वहां भी मरीजों अव्यवस्थाओं से दो चार होना पड़ रहा है। यहां जनरल वार्ड में बेड नहीं मिलते और दो-दो मरीजों को एक ही बेड पर लेटा दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला शनिवार को भी देखने को मिला, जब एक मरीज को जोनल अस्पताल से मंडी रैफर किया गया। मरीज को मेल मेडिकल वार्ड में बेड न मिलने पर दूसरे मरीज के साथ लेटा दिया गया। बेड मांगने पर भी बेड नहीं दिया गया, जबकि जनरल वार्ड में बेड खाली था। वहीं नेरचौक मेडिकल कालेज शुरू तो कर दिया गया है, लेकिन अभी तक मेडिकल कालेज में 108 एंबुलेंस तक नहीं है। ऐसे में जुगाड़ से ही काम चलाया जा रहा है।

सीटी स्कैन के लिए 14 किमी सफर

नेरचौक मेडिकल कालेज में अभी तक सीटी स्कैन और एमआरआई तक की सुविधा नहीं है। यहां से सीटी स्कैन के लिए मरीजों को करीब 14 किलोमीटर दूर जोनल अस्पताल मंडी भेजा जाता है।

सिफारिश पर सभी सुविधाएं

आम आदमी का नाम लेकर बनने वाली सभी सरकारों में यही व्यवस्था रहती है। सिफारशियों को अस्पतालों में सुविधाएं मांगने पर मिल जाती हैं, लेकिन आम आदमी दर-दर भटकता रहता है।


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