बागबानी से संवारें करियर

By: Jan 30th, 2019 12:08 am

यदि आप पौधों में रुचि रखते हैं और पौधों के माध्यम से धनराशि अर्जित करने के विकल्प तलाश रहे हैं, तो बागबानी आपके करियर को दिशा दे सकती है। बागबानी पौधों की खेती का विज्ञान है। यह फलों, वनस्पति, सब्जियों, फूलों, गिरीदार फलों, मसालों और सजावटी पौधों के उत्पादन से संबंधित है…

आपके जन्मदिन पर आपको उपहार के रूप में कोई विदेशी पौधा मिलता है तो क्या आप हर्ष विभोर हो जाते हैं? क्या आपको आश्चर्य होता है कि आपके मित्र के मस्तिष्क में यह शानदार विचार कैसे आया। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उपहार के रूप में पौधे देना पर्यावरण की रक्षा के लिए चिंतित इस विश्व में एक नई परिपाटी है। आपके लिए यह और भी रुचिकर हो सकता है कि उपहार के पौधे एवं फूल बेचना एक शानदार उद्यम है। इसलिए यदि आप पौधों में रुचि रखते हैं और पौधों के माध्यम से धनराशि अर्जित करने के विकल्प तलाश रहे हैं, तो बागबानी आपके करियर को दिशा दे सकती है। बागबानी पौधों की खेती का विज्ञान है। यह फलों, वनस्पति, सब्जियों, फूलों, गिरीदार फलों, मसालों और सजावटी पौधों के उत्पादन से संबंधित है। कार्बनिक उत्पादों, सजावटी फूलों और उपहार में दिए जाने वाले पौधों की मांग के साथ बागबानी क्षेत्र लाभप्रद एवं आकर्षक करियर विकल्प के रूप में उभर रहा है। बागबानी के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए पर्याप्त अवसर मौजूद हैं। इसलिए इस मिथक में कि इस क्षेत्र में अवसर सीमित हैं, को दूर करके विकल्पों का पता लगाएं और अपनी पसंद पर गंभीरतापूर्वक आगे बढ़ें। आपके प्रयास निश्चय ही सफलता दिलाएंगे।

क्या है हार्टिकल्चर

हार्टिकल्चर एग्रीकल्चर की ही एक ब्रांच है। इसमें फूल, पत्तियों, पौधों और अनाजों का अध्ययन किया जाता है। इसके अंदर फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी का भी अध्ययन किया जाता है।

कैसे करें प्रवेश

हार्टिकल्चर की पढ़ाई करने के लिए साइंस स्ट्रीम से 12वीं करने के बाद अंडरग्रेजुएट कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है। स्टूडेंट्स को इसकी पढ़ाई करने के लिए इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चरल रिसर्च एंट्रेंस पास करना होता है, जिसके बाद इस कोर्स में दाखिला मिलता है। इसकी अवधि तीन या चार साल की होती है। ग्रेजुएशन करने के बाद इसमें आप मास्टर डिग्री भी हासिल कर सकते हैं।

शिक्षा

अपना निजी व्यवसाय चलाने के लिए पौधों एवं पौधों की सुरक्षा का अच्छा ज्ञान ही काफी है। तथापि औपचारिक गहन प्रशिक्षण आपके विकल्पों को और व्यापक करेगा। बागबानी या कृषि विश्वविद्यालय बागबानी में शैक्षिक डिग्रियां देते हैं। बागबानी में स्नातक पाठ्यक्रम एक चार वर्षीय कार्यक्रम होता है और बागबानी में एमएससी दो वर्ष की अवधि की होती है। अधिकांश विश्वविद्यालय पीएचडी कार्यक्रम चलाते हैं। कुछ विश्वविद्यालय अल्पकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाते हैं।

क्या हैं लक्ष्य

बागबानी क्षेत्र के वर्तमान लक्ष्य फलों, सब्जियों, वनस्पति तथा फूलों की नई तथा उन्नत किस्मों को पैदा करना, विदेशी किस्मों का विकास करना, फसल की पैदावार में सुधार लाना, गुणवत्ता व पोषण महत्त्वों को बढ़ाना तथा कीड़ों एवं क्षेत्रों की प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाना है।

आमदनी

बागबानी के क्षेत्र में आमदनी आपकी मेहनत और कार्य क्षेत्र पर निर्भर करती है। अगर आप सरकारी क्षेत्र में हैं, तो आपको सरकारी मानकों के हिसाब से वेतन मिलेगा। यदि आप ने बागबानी के क्षेत्र में स्वरोजगार को अपनाया है, तो आमदनी आप के कार्य विस्तार पर निर्भर करती है। बैसे बागबानी को आर्थिकी की रीढ़ कहा जाता है। इसलिए इसमें आमदनी की असीमित संभावनाएं  हैं।

अवसर

सरकारी क्षेत्र में संभावनाएं

1ः उद्यान विज्ञानी सरकारी संगठनों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। आप सरकारी अनुसंधान संगठनों में वैज्ञानिक के रूप में या बागबानी विभाग में बागबानी अधिकारी, सहायक निरीक्षक, फार्म पर्यवेक्षक या निदेशक के रूप में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

2ः यदि आप अनुसंधान के क्षेत्र में जाना चाहते हैं तो पादप शरीर विज्ञान, प्रोपेगेशन, जैव रसायन विज्ञान तथा आनुवंशिक इंजीनियरिंग वे क्षेत्र हैं, जिनमें आप कार्य कर सकते हैं। कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड, नई दिल्ली प्रत्याशित वैज्ञानिकों की भर्ती करता है। जिला बागबानी एवं कृषि अधिकारियों के पद राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षाओं के माध्यम से भरे जाते हैं।

3ः कृषि विज्ञान केंद्र प्रशिक्षक संयोजकों, एसोसिएट तथा सहायक के पदों पर भर्ती करते हैं, सिविल सेवा भी इस क्षेत्र में एक चुनौती पूर्ण विकल्प है।

4ः बैंकों में भी ग्रामीण विकास अधिकारी और कृषि वित्त अधिकारी जैसे पद मिल सकते हैं।

5ः यदि आपकी रुचि शिक्षा के क्षेत्र में है, तो आप कृषि एवं बागबानी विश्वविद्यालयों में पढ़ा सकते हैं। आप सहायक प्रोफेसर तथा एसोसिएट प्रोफेसर और प्राफेसर के अवसर भी हैं।

निजी क्षेत्र में अवसर

1ः आप निजी बीज वैज्ञानिक के अनुसंधान तथा विकास विभागों में वैज्ञानिक के रूप में कार्य कर सकते हैं या निजी बीज या पेस्टीसाइड कंपनी में विपणन कार्यपालक के रूप में कार्य कर सकते हैं। जड़ी-बूटी, दवाइयों पर आधारित भेषज कंपनियां भी उद्यान विज्ञानियों की सेवाएं लेती हैं। यदि आप किसी व्यावसायिक बागबान के लिए कार्य करते हैं तो खेतों, उद्यानों, बागों और गोल्फ  कोर्स के भूदृश्यांकन, जुताई, रखरखाव तथा पैदावार आदि जैसे कार्य आपको करने होंगे। भूदृश्यांकन उद्देश्य वाले होटल, रिजॉर्ट तथा विस्तृत भूमि वाले निजी बंगले भी इस क्षेत्र में रोजगार के अन्य विकल्प हैं। निर्माण कंपनियों और भूदृश्य वास्तुकला फार्मों को पौधों एवं पौधों की देखरेख पर सलाह देने के लिए आप सलाहकार के रूप में भी अपनी सेवाएं दे सकते हैं।

2ः उद्यम की संभावनाओं की बात करें तो आपके पास अपना निजी फारम, व्यावसायिक पौधशाला (नर्सरी)या बाग लगाने के विकल्प हैं। बीज उत्पादन, ड्राइ या कट फ्लावर उद्यम, कोल्ड स्टोरेज, उपहार के पौधों की बिक्री एवं फलों व सब्जियों तथा फूलों का निर्यात अन्य संभावित विकल्प हैं। आजकल ग्रीन डेकोर,  गुड लक, स्ट्रेस बस्टर, बोन्साइ तथा सजावटी गमलों में फूलों के पौधों की अच्छी मांग है। पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि में बागबानी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आप तकनीकी सलाहकार के रूप में या विपणन कंपनियों के साथ एक मध्यस्थ के रूप में भी कार्य कर सकते हैं।

3ः फलों, फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण, परीक्षण तथा विपणन के क्षेत्र में भी अवसर विद्यामान हैं।

प्रमुख शिक्षण संस्थान

* डा. वाईएस परमार विश्वविद्यालय, नौणी (हिप्र)

* चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय, मेरठ

* बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा

* नरेंद्र देव कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज, फैजाबाद

* गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी ऑफ   एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, उत्तराखंड

* इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर

* उड़ीसा यूनिवर्सिटी ऑफ  एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर

* केरल एग्रीकल्चर,यूनिवर्सिटी

प्रमुख कोर्सेज

* बीटेक इन हार्टिकल्चर

* बीएससी इन हार्टिकल्चर

* एमएससी इन हार्टिकल्चर

* बीएससी इन एग्रीकल्चर

हार्टिकल्चर की शाखाएं

* पोस्ट हार्वेस्ट

* लैंडस्केप हार्टिकल्चर

* एरोबी कल्चर

* टर्फ  मैनेजमेंट


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