बिजली बोर्ड ने तैयार किए 33 केवी के 10 सब-स्टेशन

By: Jan 1st, 2019 12:02 am

 शिमला -राज्य बिजली बोर्ड ने इस साल प्रदेश में 33 केवी के 10 नए सब-स्टेशन तैयार कर लाखों लोगों को सुचारू बिजली की व्यवस्था की है। इसके साथ 405 नए ट्रांसफार्मर प्रदेश में स्थापित किए गए। बिजली बोर्ड को सरकार से मिले प्रोजेक्टों की रिपोर्ट्स तैयार कर ली गई हैं, परंतु विदेशी एजेंसी से फंडिंग का मामला इस साल भी सिरे नहीं चढ़ा है। बोर्ड की ऊहल परियोजना शुरू नहीं हो सकी, जिसका टारगेट लगातार आगे खिसकता जा रहा है। इस साल में सरकार ने बजट में भी इस प्रोजेक्ट को शुरू कर दिए जाने की घोषणा की थी, मगर ऐसा नहीं हो सका है। कर्मचारियों के वेतन विसंगतियों के मामले में विवाद अभी तक कायम है, जिसे सुलझाया नहीं जा सका। वहीं तकनीकी कर्मचारियों की कई मांगों को मुख्यमंत्री की घोषणा पर पूरा कर दिया गया। अतिरिक्त पूंजीगत व्यय और उदय योजना को पूरा करने के लिए हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड लिमिटेड की उधार सीमा को पांच हजार करोड़ से सात हजार करोड़ रुपए बढ़ाया गया। जल विद्युत उत्पादन में कमी के कारण विद्युत उपलब्धता में विशेषकर फरवरी से मई, 2018 तक कमी के फलस्वरूप अतिरिक्त विद्युत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 200 से 300 मेगावाट तक की अतिरिक्त बिजली का प्रबंध किया गया, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में विशेष रूप से उद्योगों में कोई बिजली कटौती नहीं हुई। राज्य में उपभोक्ताओं की विभिन्न श्रेणियों के लिए लगभग 41385 नए बिजली कनेक्शन जारी किए गए हैं। विद्युत आपूर्ति में दक्षता बढ़ाने के लिए प्रत्येक परिचालन वृत्त के आधार पर संचार एवं वितरण हानियों को कम करने के लिए संशोधित लक्ष्य तय किए गए थे, ताकि संपूर्ण संचार एवं वितरण हानियों को, जो 2017 के अंत में लगभग 11 प्रतिशत थीं, को मार्च, 2019 के अंत तक नौ प्रतिशत लाया जा सकेगा। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और आईपीडीएस योजनाओं के तहत राज्य में शेष बचे सभी जिलों के लिए कार्य अवार्ड कर दिए गए हैं और अधिकांश कार्यों को मार्च, 2019 से पहले पूरा कर दिया जाएगा। 33 केवी के 10 विद्युत उपकेंद्रों सहित 64 किलोमीटर सर्किट बनाए गए, जिसके परिणामस्वरूप विद्यमान नेटवर्क में 57 एमवीए क्षमता को जोड़ा गया, जिससे विद्युत वोल्टेज में सुधार हुआ है। राज्य के विभिन्न गांवों/शहरों में 405 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं। वहीं ऑनलाइन बिलिंग भुगतान सुविधा के साथ ई-भुगतान को प्रोत्साहित करने और उपभोक्ताओं की अधिक सुविधा के लिए भारत बिल भुगतान प्रणाली, पे-टीएम, नेट बैंकिंग और नैफ्ट प्रणाली को शुरू किया गया है। रुकती विद्युत गृह की तीन मशीनों को सुचारू बनाया गया। राज्य की 25 मेगावाट तक विद्युत क्षमता की परियोजनाओं से स्टेट इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड लिमिटेड बिजली खरीदेने संबंधी निर्णय लिया गया। प्रदेश में इस साल लगभग 3600 लकड़ी के गले-सड़े खंभों को स्टील ट्यूबलर खंभों के साथ बदला गया है।


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