मस्से/ मोके हों तो करें पशु चिकित्सक से संपर्क

By: Jan 3rd, 2019 12:05 am

मेरी गाय को थन/उहल पर मस्से/मोके हैं। क्या करें?

— रमेश, सोलन

मस्से एक विषाणु जनित (वाइरल) बीमारी है, जो पैपीलोमा विषाणु से होता है। इस विषाणु का संक्रमण किसी पशु में शरीर पर जख्म से होता है, जब यह पशु किसी संक्रमित पशु के सीधे संपर्क  में आता है। यह रोग पूरे विश्व में हर प्रजाति के पशुओं में होता है। यह गाय, भैंस, घोड़ा, भेड़, बकरी, सूअर, कुत्ता, हिरण आदि सभी पशुओं में पाया जाता है। ये मस्से बिना किसी इलाज के भी 5-6 महीने से 18 महीने में अपने आप ठीक हो जाते हैं, परंतु ये पशु को बहुत कमजोर कर देते हैं। यह रोग प्रजाति विशिष्ट है व जानवरों से आदमी में नहीं फैल सकता है। यह रोग एक बार ठीक होने पर भी उसी पशु में दोबारा पनप सकता है।

इस बीमारी के कई इलाज हैं। कई पशु एक इलाज से ठीक हो जाते हैं, तो कई दूसरे इलाज से ठीक हो जाते हैं। हम यह नहीं कह सकते कि किसी एक इलाज से 100 प्रतिशत पशु ठीक हो जाते हैं। कई वैज्ञानिकों ने मस्से के स्वदेशी इलाज भी बताए हैं। मुख्यतः मस्से के निम्नलिखित इलाज हैं-

– इंजेक्शन एथियोमेलिन एक दिन छोड़कर छह टीके लगते हैं।

– आटो हीम थैरेपी – इसमें पशु को 15-20 एमएल खून निकालकर, आधा आईएम व आधा एस/सी लगाते हैं। यह ज्यादातर हफ्ते में एक बार, पांच से छह हफ्ते लगातार लगाते हैं। इसके साथ इंजेक्शन लीमोसोल भी लगवा सकते हैं।

– ओटोजिनस वैक्सीन – इसमें मस्सों के टुकड़े लेकर वैक्सीन बनाई जाती है। इसके लिए आप अपने पशु चिकित्सक से संपर्क करें। इस वैक्सीन के भी एक दिन छोड़कर पांच-छह इंजेक्शन लगते हैं।

– टिंक्चर थूजा 200सी एक एमएल सुबह व एक एमएल शाम को जीभ के नीचे एक हफ्ता व उसके बाद एक एमएल दिन में एक बार अगले तीन हफ्ते के लिए। साथ में थूजा क्रीम मस्से पर लगाते हैं। मद्रर टिंक्चरथूजा दो एमएल में दो एमएल डिस्टिलड पानी मिलाएं व एस/ सी लगवाएं। साथ  में टिंकचर सल्फर दो एमएल में दो एमएल डिस्टिलड पानी मिलाकर एस/सी लगवाएं। दोनों इंजेक्शन अलग-अलग लगवाएं। दोनों इंजेक्शन सप्ताह में एक बार लगेंगे व चार सप्ताह लगेंगे।

उपरोक्त इलाज करवाने के बाद डेढ़ या दो महीने इंतजार करें। आप देखेंगे कि मस्से जो पहले लाल थे, धीरे-धीरे काले पड़ जाएंगे। आप इन्हें हल्के से खींचेंगे तो ये निकल जाएंगे। अगर थोड़ा खून निकलता है,तो साफ कर हाई मैक्स क्रीम लगाएं। जैसे मैंने कहा कि मस्से एक संक्रामक बीमारी है इसलिए अगर एक पशु को यह रोग होता है तो इस पशु को बाकी पशुओं से अलग बांधें व खिलाएं-पिलाएं। जब तक यह पशु पूर्णतयः ठीक नहीं हो जाता है।

डा. मुकुल कायस्थ

वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, उपमंडलीय पशु चिकित्सालय पद्धर(मंडी)

फोनः 94181-61948

नोट ः हेल्पलाइन में दिए

गए उत्तर मात्र सलाह हैं।

Email: mukul_kaistha@yahoo.co.in


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App