लोकसभा चुनावों को सपा-बसपा एक

By: Jan 13th, 2019 12:09 am

यूपी में माया-अखिलेश का गठबंधन, 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी दोनों पार्टियां

लखनऊ -कभी एक-दूसरे की साथी रहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने शनिवार को करीब 25 साल बाद एक बार फिर साथ आने का ऐतिहासिक ऐलान कर दिया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में बसपा मुखिया मायावती ने इसका ऐलान किया। यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 पर एसपी-बीएसपी चुनाव लड़ेंगी। गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखा गया है, लेकिन गांधी परिवार के परंपरागत गढ़ अमेठी और रायबरेली में गठबंधन उम्मीदवार नहीं उतारेगा। मायावती ने कहा कि बाकी दो सीटें अन्य दलों के लिए रखा गया है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जिस तरह 1993 में हमने साथ मिलकर बीजेपी को हराया था, वैसे ही इस बार उसे हराएंगे। पीएम दावेदार कौन होगा, इस सवाल को अखिलेश ने चतुराई से टालते हुए कहा कि यूपी अकसर देश को प्रधानमंत्री देता है, पीएम यूपी से ही हो तो अच्छा रहेगा। बीएसपी सुप्रीमो ने प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान कम से कम दो बार काफी जोर देकर 1995 के गेस्ट हाउस कांड का जिक्र किया और कहा कि उनकी पार्टी ने जनहित के लिए उसे भूलकर एसपी के साथ गठबंधन का फैसला किया है। मायावती ने कहा कि लोहियाजी के रास्ते पर चल रही समाजवादी पार्टी के साथ 1993 में मान्यवर कांशीराम और मुलायम सिंह यादव द्वारा गठबंधन करके चुनाव लड़ा गया था। हवा का रुख बदलते हुए बीजेपी जैसी घोर सांप्रदायिक और जातिवादी पार्टी को हराकर सरकार बनी थी। लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से ऊपर जनहित को रखते हुए एक बार फिर देश में उसी तरह के दूषित और सांप्रदायिक राजनीति को हराने के लिए हाथ मिलाया है। लखनऊ के होटल ताज में प्रेस कान्फ्रेंस की शुरुआत में बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि यह प्रेस कान्फ्रेंस पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह यानी गुरु-चेले की नींद उड़ाने वाली है। उन्होंने कहा कि 1990 के आस-पास बीजेपी के जहरीले माहौल की वजह से आम जनजीवन प्रभावित था और जनता त्रस्त थी। आज भी वैसा ही माहौल है और हम एक बार फिर उन्हें हराएंगे। मायावती ने गठबंधन को नई राजनीतिक क्रांति का आगाज बताया। उन्होंने कहा कि नए वर्ष 2019 में यह एक प्रकार की नई राजनीतिक क्रांति की शुरुआत है। गठबंधन से समाज की बहुत उम्मीदें जग गई हैं। यह सिर्फ दो पार्टियों का मेल नहीं है, बल्कि सर्वसमाज का मेल है। यह सामाजिक परिवर्तन और मिशनरी लक्ष्यों को प्राप्त करने का आंदोलन बन सकता है। बीएसपी सुप्रीमो ने कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखने की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद काफी लंबी अवधि तक केंद्र और देश के ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस ने एकछत्र राज किया, लेकिन जनता परेशान रही। गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार बढ़ा, जिसके खिलाफ कई दलों का गठन हुआ। ऐसे में केंद्र में सत्ता चाहे कांग्रेस के हाथ में आए या बीजेपी के हाथ में, बात एक ही है। दोनों की नीतियां एक जैसी। दोनों की सरकारों में रक्षा सौदों में घोटाले हुए। बोफोर्स से कांग्रेस को सरकार गंवानी पड़ी और बीजेपी को राफेल की वजह से सरकार गंवानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों की सरकारें विरोधियों का उत्पीड़न करती हैं। मायावती ने कहा कि कांग्रेस के साथ अतीत में गठबंधन का अनुभव भी अच्छा नहीं रहा है और वह अपना वोट ट्रांसफर नहीं करा पाती है।

एक को हराने के लिए सब मिले

नई दिल्ली। दिल्ली के रामलीला मैदान में बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे और आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महागठबंधन को लेकर  विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि कांग्रेस के विरोध में खड़ी हुई और एक-दूसरे का विरोध करने वाली पार्टियां आज एक व्यक्ति को हराने के लिए साथ आ रही हैं।


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