विविध साहित्यिक गतिविधियों का साक्षी बना हिमाचल

By: Jan 13th, 2019 12:04 am

वर्ष 2018 में प्रदेश भर में अनेक साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। कहीं कवि गोष्ठी हुई, कहीं साहित्यकार सम्मानित हुए तो कहीं साहित्यकारों की स्मृति में कवि सम्मेलन हुए। इस तरह हिमाचल अनेक साहित्यिक गतिविधियों का साक्षी बना।

16 साहित्यकार सम्मानित किए : कला, भाषा, संस्कृति एवं समाज सेवा को समर्पित संस्था ‘नवल प्रयास’ ने गत वर्ष 12 मई को शिमला स्थित दयानंद पब्लिक स्कूल में राज्य स्तरीय साहित्य उत्सव का आयोजन किया जिसमें 16 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय ज्ञानपीठ के निदेशक व नया ज्ञानोदय के संपादक प्रख्यात कवि लीलाधर मंडलोई रहे। इस आयोजन के पहले सत्र का आकर्षण विभिन्न डीएवी स्कूलों से पधारे 25 बच्चों का कविता पाठ एवं कविता कार्यशाला रही जिसकी अध्यक्षता डा. प्रेमलता ने की। कार्यशाला का संयोजन चर्चित कवि आत्मा रंजन ने डा. कुलराजीव पंत और डा. प्रियंका वैद्य की सहभागिता से किया।

कविता प्रतियोगिता में स्वास्तिक  को प्रथम, अक्षत शर्मा को द्वितीय और सना को तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया। इसके साथ 2 बच्चों आकृत शर्मा और इषा गौतम को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए। दूसरा सत्र कहानी पाठ का रहा जिसमें श्रीनिवास जोशी, गंगाराम राजी, बद्रीसिंह भाटिया और सुरेश शांडिल्य ने कहानी पाठ किया। चारों कहानियों को खूब सराहा गया। इस उत्सव का मुख्य आकर्षण नवल प्रयास साहित्य सम्मान रहे। पुरस्कार चार श्रेणियों में दिए गए।

‘नवल स्मृति आजीवन शिरोमणि सम्मान-2018’ श्री निवास जोशी, डा. अनिल राकेशी, ओम चंद हांडा और रमेशचंद्र शर्मा को प्रदान किया गया। प्रकाश साहित्य रत्न सम्मान-2018 से केशव, डा. हेम राज कौशिक, डा. सुशील कुमार फुल्ल, बद्री सिंह भाटिया, डा. रेखा वशिष्ठ, केआर भारती, चंद्ररेखा ढडवाल और आत्मा रंजन को नवाजा गया। धर्म प्रकाश साहित्य मणि सम्मान 2018 पवन चौहान और संजय ठाकुर को दिए गए। नवल प्रयास उभरती प्रतिभा सम्मान देव कन्या ठाकुर और दिनेश शर्मा को प्रदान किए गए। प्रत्येक श्रेणी में सम्मानित साहित्यकार को क्रमशः 11000, 5100, 3100 और 2100 रुपए की नकद धन राशि, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र प्रदान किए गए। प्रत्येक बच्चों को पुरस्कार के रूप में पांच-पांच हजार तक की राशि के उपहार दिए गए। साथ ही प्रत्येक भागीदार बच्चों को भी उपहारों और स्मृति चिन्हों से नवाजा गया। शशि किरण गुप्ता, क्षेत्रीय निदेशक, डीएवी पब्लिक स्कूल, हिमाचल जोन ने प्रत्येक साहित्यकार का प्रशस्ति वाचन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर लीलाधर मंडलोई के निर्देशन में तैयार मुक्तिबोध की कविताओं पर आधारित लघु फिल्म आत्मसंभावना भी दिखाई गई। तीसरा सत्र कविता पाठ का रहा जिसे 10 उप सत्रों में बांटा गया। प्रत्येक सत्र में एक अध्यक्ष और पांच कवियों ने कविता पाठ किए। इनमें प्रदेशभर से करीब 50 कवियों ने अपनी रचनाएं पढ़ीं।

पृथ्वी पर दिखी पाती : हिमालय साहित्य एवं संस्कृति मंच द्वारा विनोद विट्ठल की बनास जन द्वारा प्रकाशित कविता पुस्तक ‘पृथ्वी पर दिखी पाती’ का लोकार्पण वरिष्ठ कवि-आलोचक श्रीनिवास श्रीकांत के सानिध्य में गत वर्ष 16 सितंबर को शिमला माल रोड स्थित रोटरी टाउन हाल में व्यापक रूप में शहर के लेखकों और साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। बनास जन दिल्ली से प्रकाशित होने वाली देश की प्रतिष्ठित साहित्यक पत्रिका है। विनोद विट्ठल और पधारे लेखकों का स्वागत करते हुए मंच के अध्यक्ष व लेखक एसआर हरनोट ने कवि को पुस्तक प्रकाशन पर बधाई दी और कविता की तरह एक अनूठे अंदाज में इस पुस्तिका पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने शिमला शहर में इसे अरसे बाद एक गंभीर और यादगार आयोजन बताया जिसमें 55 लेखक, संस्कृत कर्मी और साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।

कविताओं पर बात करते हुए चर्चित कवि आत्मा रंजन ने इन कविताओं में कॉर्पोरेट समय के फर्स्ट हैंड अनुभवों को रेखांकित करते हुए इन्हें हैक हो चुके मनुष्य और मनुष्यता की चिंताओं की कविताएं बताया। दूसरे वक्ता गुप्तेश्वर उपाध्याय ने अंग्रेजी साहित्य के कई उद्वरण देकर इन्हें नई सोच की कविताएं बताया। मंच का सफल संचालन युवा कवि कौशल मुंगटा ने किया।

साहित्य उत्सव : 17 सितंबर को जिला शिमला के सुन्नी कालेज में हिमालय साहित्य मंच और सुन्नी कालेज के संयुक्त तत्त्वावधान में साहित्य उत्सव का आयोजन किया गया। इस आयोजन में सुन्नी कालेज के बच्चों और स्थानीय लोगों की भागीदारी रही। इस संयोजन की सूत्रधार सुन्नी कालेज में कार्यरत डा. विद्या निधि रहीं।

सुरेश सेन निशांत की स्मृति में आयोजन : 28 सितंबर को हिमालय साहित्य मंच और नवल प्रयास ने मिलकर कवि मित्र सुरेश सेन निशांत की स्मृति में सफल आयोजन किया जिसमें उनको याद किया गया और उनकी कविताओं का पाठ हुआ। इस अवसर पर एक कवि गोष्ठी भी आयोजित की गई।

कामगारों के लिए साहित्य संवाद : 8 नवंबर को विश्वकर्मा डे के अवसर पर हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग की कार्यशाला तारादेवी में इसी परिसर में स्थित सृष्टिमाता मंदिर के सौजन्य से मुख्य पुजारी रमेश ठाकुर द्वारा कार्यशाला और मंदिर समिति के सहयोग से कामगारों के मध्य विशाल आयोजन किया गया जिसमें हिमालय मंच और नवल प्रयास ने मिलकर कवि गोष्ठी और साहित्य संवाद का आयोजन किया। इसमें 10 लेखकों ने भाग लिया। कामगारों व मजदूरों को समर्पित यह अपनी तरह की अनूठी गोष्ठी रही। तदोपरांत शिमला बुक कैफे के साथ उपरोक्त दोनों संस्थाओं द्वारा घरेलु गोष्ठियां भी शुरू की गईं जिनमें पहली गोष्ठी वरिष्ठ कवि-आलोचक श्रीनिवास श्रीकांत के घर, दूसरी विनोद प्रकाश गुप्ता और तीसरी एसआर हरनोट के घर आयोजित हुई।

किसानों के मध्य कवि गोष्ठी : इसी कड़ी में हिमाचल साहित्य मंच ने हिमाचल कृषक संघ और ग्रामीण कल्याण सभा के सहयोग से शिमला और सिरमौर के सीमांत गांव कुठाड़ में 2 दिसंबर को किसानों के मध्य एक विशाल जनसभा के दौरान साहित्य संवाद और कवि गोष्ठी का आयोजन किया। कृषक संघ और हरिजन कल्याण सभा के अध्यक्ष सुरेंद्र बनोल्टा ने इस आयोजन को अपने निवास स्थान पर आयोजित किया जिसमें 20 लेखक शामिल हुए। श्री बनोल्टा ने ग्रामीणों और किसानों के लिए कम्युनिटी रेडियो भी शुरू किया है जिसके जरिए इस गोष्ठी का सीधा प्रसारण किया गया।

विनोद को युवा शिखर सम्मान : 24 नवंबर को शिखर संस्था, जिसके संचालक व महासचिव केशव नारायण हैं, ने युवा कवि विनोद विट्ठल को कविता विधा क्षेत्र में युवा शिखर सम्मान प्रदान किया। इस आयोजन में विनोद की कविताओं का पाठ हुआ और उनके सम्मान में एक कवि गोष्ठी का आयोजन भी किया गया।

हेमराज को सम्मान : 9 दिसंबर को हमीरपुर में राजेंद्र राजन की संस्था व इरावती पत्रिका की ओर से हिमाचल के जाने-माने आलोचक डा. हेमराज कौशिक को उनके आलोचना के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के दृष्टिगत ‘इरावती सृजन सम्मान’ से नवाजा गया।


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