सजाएं सपनों का घर

By: Jan 16th, 2019 12:12 am

इंटीरियर डिजाइनिंग के प्रति लोगों का रुझान इस हद तक बढ़ चुका है कि लोग खुद किसी स्पेस को डिजाइन करने की अपेक्षा प्रशिक्षित इंटीरियर डिजाइनर की मदद लेना पसंद करने लगे हैं। सामाजिक समारोहों के अलावा आजकल लोगों में व्यक्तिगत समारोहों, घर और अपने कार्यालय को सजाने का भी चलन बढ़ा है…

समय बड़ी तेजी के साथ बदल रहा है और साथ ही बदल रही हैं लोगों की महत्त्वाकांक्षाएं। लोग अपने आप में व्यक्तिगत निखार तो ला ही रहे हैं, पर साथ ही वे अपने रहने के स्थान को भी ऐसा बनाना चाहते हैं कि वह दूसरों से बेहतर व अलग दिखे। इसके लिए वे कितना भी पैसा खर्च करने को तैयार हो जाते हैं। जीने का तरीका बदला है तो सलीके भी बदलने लगे हैं। महानगरों में ही नहीं, छोटे शहरों और कस्बों में भी लोग अपने घरों, दफ्तरों और विभिन्न समारोहों को इंटीरियर की दृष्टि से व्यवस्थित करने लगे हैं। इसलिए यह काम एक बेहतर स्वरोजगार का माध्यम बनता जा रहा है। आप भी इसमें अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। इंटीरियर डिजाइनिंग के प्रति लोगों का रुझान इस हद तक बढ़ चुका है कि लोग खुद किसी स्पेस को डिजाइन करने की अपेक्षा प्रशिक्षित इंटीरियर डिजाइनर की मदद लेना पसंद करने लगे हैं। सामाजिक समारोहों के अलावा आजकल लोगों में व्यक्तिगत समारोहों, घर और अपने कार्यालय को सजाने का भी चलन बढ़ा है। यही कारण है कि इंटीरियर डिजाइनर की मांग खूब होने लगी है। इस व्यवसाय ने शहरों क्या गांव-कस्बों में भी अपनी पहुंच बना ली है। इंटीरियर डिजाइनिंग में स्थान की प्लानिंग करने के साथ-साथ अंदरूनी जगह की सजावट की जाती है। सजावट चाहे घर की हो, दफ्तर की हो, होटल की हो, भवन की या शोरूम की। इंटीरियर डिजाइनर का काम उसे अच्छे से अच्छा लुक देना होता है। इंटीरियर डिजाइनिंग में खासतौर से योजना, डिजाइन, निर्माण, पुनर्निर्माण, पुनरुद्धार और साज-सज्जा आदि पर ध्यान देना होता है। किसी भी स्थान की इंटीरियर डिजाइनिंग का मुख्य उद्देश्य सही बजट में सही वातावरण तैयार करना होता है।

आमदनी

इंटीरियर का काम करीब पांच-छह महीने बाद बाजार पकड़ पाता है। यानी पांच-छह महीने तक आपको बहुत कम आमदनी हो सकती है। हां, आपका आफिस और गोदाम खर्च आराम से निकल आएगा। अगर आप बाजार में जल्दी पकड़ बना लेते हैं तो एक-दो महीने में ही आपको अच्छी आमदनी होने लगेगी। यह काम ऐसा है जो एक बार जम गया तो कभी ठप नहीं होगा। फिर भी कम लागत पर शुरुआत में आप 10 से 25 हजार रुपए कमा सकते हैं। अगर काम अच्छा चल गया तो हर महीने 50 हजार से एक लाख रुपए महीने तक आमदनी हो सकती है। बड़े स्तर पर काम करने पर आमदनी भी अधिक होगी, लेकिन यह आपके काम के चलने पर ही निर्भर करेगी।

प्रमुख संस्थान

* नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)

* साउथ दिल्ली पोलीटेक्नीक फॉर वुमन, नई दिल्ली

* अकेडमी ऑफ  आर्ट एंड डिजाइन, नवी मुंबई, महाराष्ट्र

* नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ  फैशन डिजाइन, चंडीगढ़

* मीराबाई पोलीटेक्नीक, महारानी बाग, नई दिल्ली

* एमिटी स्कूल ऑफ  फैशन टेक्नोलॉजी, नोएडा (उत्तर प्रदेश)

* आर्क अकादमी ऑफ डिजाइन, जयपुर

* कालेज ऑफ आर्किटेक्चर, नासिक

* एएलटी ट्रेनिंग कालेज, बंगलूर

फीस

इंटीरियर डिजाइनिंग के कोर्सेज की फीस डिप्लोमा कोर्सेज में समयावधि तथा संस्थान और डिग्री कोर्सेज में संस्थान के हिसाब से अलर्ग-अलग है। सरकारी संस्थान जहां 5 से 20 हजार में एक साल के डिप्लोमा और डिग्री कोर्स कराते हैं, वहीं प्राइवेट संस्थान 15 हजार रुपए महीने से लेकर एक से डेढ़ लाख रुपए साल तक के वसूलते हैं।

जरूरी उपकरण

आजकल डिजाइनिंग का काम तो कम्प्यूटर द्वारा होने लगा है। अतः इस काम को शुरू करने के लिए सबसे पहली प्राथमिकता तो कम्प्यूटर ही है। इसके अलावा चित्रकला के काम आने वाली प्राथमिक चीजें जैसे सादा कागज, पेंसिल, रबड़ आदि की जरूरत होगी। प्लास, पेचकस, कारपेंटर के उपकरण और बिल्डिंग मैटीरियल की भी जरूरत होती है।

लागत

इंटीरियर डिजाइनिंग के काम के लिए आपको कम से कम 50-60 हजार रुपए की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा आपको आफिस बनाने के लिए अलग से पैसा लगाना पड़ेगा। इसके बाद आपको हर महीने आफिस पर खर्च की जरूरत पड़ेगी। अधिक पैसा लगाने की इस काम में सीमा नहीं है। फिर भी बड़े स्तर पर दो से पांच लाख रुपए में आपका काम शुरू हो सकता है, जो आपके आफिस और गोदाम के खर्चे के अतिरिक्त भी हो सकता है।

कोर्स

इंटीरियर डिजाइनिंग का कोर्स अधिकतर आर्ट स्कूल कराते हैं। भारत में इसके डिप्लोमा और डिग्री कोर्स उपलब्ध हैं। इन कोर्सेज में विद्यार्थी को बिल्डिंग में आंतरिक और बाहरी साज-सज्जा के अलावा उसकी बनावट के हिसाब से बेहतर से बेहतर लुक देना सिखाया जाता है। कुछ संस्थान बिल्डिंग बनाने और उसमें सज्जा के लिए बनाई जाने वाली चीजों का निर्माण करना भी सिखाते हैं।

योग्यता

इंटीरियर डिजाइनिंग के किसी भी कोर्स  के लिए गणित, कला और अंग्रेजी में कम से कम 55 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं पास होना जरूरी है। इसके अलावा आपकी कला में रुचि और चित्रकला का ज्ञान, कम्प्यूटर की प्राथमिक जानकारी और सृजन क्षमता का होना आवश्यक है।

प्रवेश

डिप्लोमा या डिग्री कोर्स करने के लिए प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी, जिसमें आपकी तार्किक, बौद्घिक और सृजन क्षमता की जांच के अलावा गणित, हिंदी, अंग्रेजी, कला और विज्ञान के सामान्य ज्ञान की परख की जाती है। कुछ प्राइवेट संस्थान बिना प्रवेश परीक्षा के ही प्रवेश दे देते हैं।

बढ़ रही है मांग

वैश्वीकरण के साथ देश में पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव भी बढ़ रहा है। इसके अलावा बहुराष्टीय कंपनियों के देश में आने से कार्यालयों का लुक पूरी तरह बदल गया है। ये कंपनियां अपने दफ्तरों की साज-सज्ज को खासी अहमियत देती हैं, जिसे काम के मुताबिक डिजाइन किया जाता है। इनकी देखादेखी भारतीय कारपोरेट कंपनियां भी इसी ट्रेंड पर चल रही हैं।  इन सभी बातों के चलते इंटीरियर डिजाइनिंग के व्यवसाय की मांग बढ़ी है।

अवसर

इंटीरियर डिजाइनर को अपने विचारों, हुनर तथा काम से हर तरह के ग्राहक को संतुष्ट करना होता है। इसमें आप मॉडर्न आर्ट का काफी अच्छे से इस्तेमाल कर सकते हैं। जो कला में रुचि रखते हैं, वे इस क्षेत्र में अच्छा मुकाम पा सकते हैं। एक इंटीरियर डिजाइनर को बिल्डर्स, आर्किटेक्ट, कांटै्रक्टर, प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन से सामंजस्य बिठाना पड़ता है। इंटीरियर डिजाइनिंग में एक ही फील्ड में स्पेशलाइजेशन भी किया जा सकता है। आप फिल्मों और थियेटर के अलावा विभिन्न मेलों में ठेके पर इंटीरियर के काम की तलाश कर सकते हैं। जो लोग बदलते ट्रेंड को अच्छी तरह समझते हैं और उसी हिसाब से अपने काम में बदलाव लाते रहते हैं।

विशेषज्ञता जरूरी

ज्यादातर इंटीरियर डिजाइनर किसी न किसी विशिष्ट क्षेत्र के विशेषज्ञ होते हैं। जैसे कुछ अपनी विशेषता बिजनेस डिजाइन में प्रदर्शित करते हैं, तो कुछ विशेष कक्ष जैसे ड्राइंग रूम,बेडरूम, किचन, किड्ज रूम या बाथरूम की डिजाइनिंग में माहिर होते हैं। ग्राहकों की रुचि बजट तथा जरूरत के मुताबिक इंटीरियर डिजाइनर अपनी कल्पना शक्ति का उपयोग कर सौंदर्य बोध पैदा करने की कोशिश करता है।

अतिरिक्त कौशल की आवश्यकता

एक अच्छा और सफल इंटीरियर डिजाइनर बनने के लिए कई तरह के कौशल की जरूरत होती है। इनमें से कुछ कौशल या कलाएं अंतर्निहित होती हैं, तो कुछ कौशल पढ़ाई आर प्रशिक्षण से प्राप्त की जा सकती हैं। उत्कृष्ट डिजाइन बोध गहन पर्यवेक्षण सूक्ष्म दृष्टि, अच्छी टीम निर्माण क्षमता, समय का अच्छा प्रबंधन और आदि गुण आपके व्यक्तित्व का हिस्सा होने चाहिएं।


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