सरकारी भूमि कब्जाने पर 1.6 लाख जुर्माना

By: Jan 7th, 2019 12:07 am

श्रीराम लोकमंदिर कंडाघाट के प्रधान-पुजारी पर बड़ी कार्रवाई

कंडाघाट -सोलन जिला में कंडाघाट के रुड़ा स्थित श्रीराम लोकमंदिर के प्रधान लक्ष्मी दत व मुख्य पुजारी बाबा अमर दास पर 5.06 बीघा सरकारी जमीन कब्जाने के लिए प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। तहसीलदार कंडाघाट ने उन्हें भूमि से बेदखली के आदेश जारी किए है। साथ ही, इन दोनों पर एक लाख छह हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, सरकार की ओर से तुंदल पंचायत को, जो 19 बिश्वा भूमि सामुदायिक भवन बनाने को दी थी, उस उद्देश्य को पंचायत द्वारा पूरा न करने पर इस भूमि की स्वीकृति को रद्द करने तथा मलकीयत सरकार के नाम करने की अनुशंसा भी की गई है। कंडाघाट के रुड़ा में बने इस श्रीराम लोक मंदिर में कई करोड़ों रुपए की प्रतिमाएं स्थापित की गई है और इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था को देखते हुए जल्द ही सरकार इसे अपने कब्जे में लेगी। जानकारी के अनुसार कुछ साल पहले कंडाघाट की तुंदल पंचायत के प्रधान ने आरोप लगाया था कि बाबा अमरदास द्वारा पंचायत तथा सरकारी भूमि पर अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा है, जिसे तुरंत रोका जाना आवश्यक है। राजस्व विभाग ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए उपायुक्त सोलन ने आदेश दिए थे कि सरकारी भूमि पर से अवैध कब्जा हटाया जाए, परंतु उस समय प्रशासन अवैध कब्जे को हटाने में असफल रहा, जिसके बाद तहसीलदार कंडाघाट की अदालत में दो मई, 2017 को इस मुकदमे को पंजीकृत किया गया। वहीं, तहसीलदार कंडाघाट ओपी मेहता ने कहा कि उचित तथ्यों का देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। बता दें कि ओपी मेहता तहसीलदार कंडाघाट की सरकार में अपनी  विशिष्ठ पहंचान है व बहुत ही कर्मठ एंव परिश्रमी अधिकारी है। ओपी मेहता कंडाघाट में तहसीलदार के पद से पहले सिरमौर, शिमला व मंडी में अपनी उत्कृष्ट सेवाए दे चुके है व अपने कार्यकर्ता में सभी जगहों पर सैकड़ों बीघा सरकारी भूमि को भू-माफिया से मुक्त करवा चुके है। बता दें कि जिस स्थान पर श्रीराम लोक मंदिर बनाया गया है, उसके साथ लगती सरकारी भूमि पर किए गए अवैध कब्जे के दौरान निर्माण कार्य से वन संपदा को काफी क्षति पहुंची थी। वन संपदा को क्षति पहुंचने पर पहले भी 11 हजार रुपए का जुर्माना हो चुका है। ऐसा है पूरा मामलाः कंडाघाट की तुंदल पंचायत के रुड़ा में सरकार ने सामुदायिक भवन बनाने को लेकर पंचायती राज विभाग के नाम 19 बिश्वा जमीन की थी, लेकिन पंचायत इस भूमि पर सामुदायिक भवन न बना सकी व बाद में इस भूमि पर श्रीराम लोक मंदिर का निर्माण किया गया, जिसमें मंदिर के प्रधान लक्ष्मी दत्त, जबकि मुख्य पुजारी बाबा अमर दास थे। धीरे-धीरे मंदिर के साथ लगती सरकारी भूमि पर भी इन के द्वारा अवैध कब्जा किया गया और इनके द्वारा लगभग 5.06 बीघा सरकारी भूमि पर कब्जा किया गया है।


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