20 धरोहरों की तस्वीर बदलेगी जयराम सरकार

By: Jan 15th, 2019 12:15 am

 शिमला —पहाड़ी राज्य हिमाचल में अब हेरिटेज टूरिज्म विकसित करने के लिए जयराम सरकार ने नया कंसेप्ट तैयार कर लिया है। जयराम सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र की मोदी सरकार ने प्रदेश की 20 हेरिटेज साइट्स को गोद लेने की मंजूरी दे दी है। ऐसे में ये साइट्स विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र से निवेशक हिमाचल आएंगे। प्रदेश के ऐसे मंदिर या किला, जो प्राचीन काल से विकास को तरस रहे हैं, उन्हें अब भाषा एवं संस्कृति विभाग गोद लेगा, जिनका विकास पर्यटन विभाग के तहत होना है। प्रदेश सरकार भाषा एवं संस्कृति विभाग और पर्यटन विभाग ऐसी धराहरों को टूरिज्म की दृष्टि से विकसित करेगा। केंद्र सरकार की योजना ‘अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ के तहत हिमाचल की 20 धरोहरों को विकसित किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश सरकार 22 जनवरी को शिमला में देश के नामी निजी कंपनियों एवं निवेशकों के साथ मंथन करेगी, जिसमें फिक्की, सीआईआई, ओबरॉय होटल ग्रुप, रेडिसन होटल ग्रुप, अंबुजा, मिंची, एसजेवीएनएल के साथ-साथ उद्योग जगत में अब तक नाम कमा चुकी कंपनियों को सरकार ने निमंत्रण दिया है। जानकारी के मुताबिक 22 जनवरी को होने वाली एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान पर्यटन और उद्योग विभाग के अफसर भी सुझाव देंगे। हालांकि हेरिटेज साइट्स को गोद लेने का काम भाषा एवं संस्कृति विभाग का है, लेकिन उन्हें टूरिज्म की दृष्टि से विकसित करने का जिम्मा पर्यटन विभाग का है, जिसे प्राइवेट सेक्टर में दिया जाना है।

राज्य सरकार को भी आएगा रेवेन्यू

20 हेरिटेज साइट्स को विकसित करने के लिए यदि निजी निवेशक आगे आते हैं, तो उसके बाद राज्य सरकार को भी रेवेन्यू आएगा। फाइनल एग्रीमेंट होने के बाद निजी कंपनी या निवेशक से वर्ष भी तय होंगे। यानी कितने साल के लिए हेरिटेज साइट्स चलाई जा सकती हैं? प्रस्ताव फाइनल होने के बाद प्रदेश सरकार टेंडर आमंत्रित करेगी।  भाषा एवं संस्कृति विभाग की प्रधान सचिव डा. पूर्णिमा चौहान ने खबर की पुष्टि की है।

सड़क-बिजली पानी प्राथमिकता

भाषा एवं संस्कृति विभाग जिन 20 हेरिटेज साइट्स को गोद लेने जा रही है, वहां पहली प्राथमिकता बिजली, पानी और सड़क की रहेगी। हालांकि इन साइट्स में कुछेक स्थान ऐसे भी हैं, जहां तक सड़क जाती है और अधिकांश साइट्स के लिए कनेक्टिविटी नहीं हैं। इसे देखते हुए भाषा एवं संस्कृति विभाग जल्द ही पीडब्ल्यूडी, बिजली बोर्ड और आईपीएच विभाग के साथ इस मसले पर चर्चा करेगा।


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