आतंकवाद से आजादी कब ?

By: Feb 16th, 2019 12:06 am

अनुज कुमार आचार्य

लेखक, बैजनाथ से हैं

जम्मू-कश्मीर में पुलवामा जिले के लेथपोरा इलाके में जैश ए मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद द्वारा एक गाड़ी के द्वारा सीआरपीएफ जवानों से भरी बस के साथ किए गए फिदायीन विस्फोट हमले में सीआरपीएफ के 43 से ज्यादा जवानों की शहादत विचलित करने वाली है। यह वक्त का तकाजा है कि सत्तारूढ़ सरकार और विपक्षी दल एक साथ मिल-बैठकर कश्मीर समस्या के समाधान और पाकिस्तानी हिमाकत का कोई माकूल हल खोजें।  केंद्र सरकार को चाहिए कि वह सभी राजनीतिक दलों की सर्वदलीय बैठक बुलाकर और संसद का विशेष सत्र आहूत करे और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 का  खात्मा करे। विशेष राज्य और दोहरी नागरिकता के प्रावधान को खत्म किया जाए। पत्थरबाजों और आतंकवादियों से दो-दो हाथ करने के लिए हमारे सुरक्षा बलों को पूरी इजाजत दी जाए। आतंकवादियों के हमदर्द और सहायकों की पहचान कर, उन्हें जेलों में भेजा जाना चाहिए। जम्मू-कश्मीर के झंडे की जगह भारतीय तिरंगे की गरिमा को प्रतिस्थापित किया जाए। वहां राष्ट्रगीत, राष्ट्रगान और राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान पर कठोर दंड का प्रावधान किया जाए और भ्रष्टाचारियों से सख्ती से निपटा जाए।  भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस पालिसी को लागू करे और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से बेपरवाह होकर आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने की कोशिशों के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों को विशेष शक्तियां प्रदान करे।

इसके अलावा हमारे सैनिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति भी नहीं होनी चाहिए। कश्मीर घाटी में भारत विरोधी दुष्प्रचार का अड्डा बन चुकीं हजारों मस्जिदों को बंद करने की जरूरत है। पाकपरस्त अलगाववादी नेताओं और आतंकवादियों के हिमायती नेताओं फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जैसे कश्मीरी नेताओं को दी गई सीआरपीएफ की सुरक्षा हटाई जाए और उन्हें सुरक्षा के लिहाज से अपने रहमों-करम पर छोड़ दिया जाना चाहिए।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App