चुनाव के लिए बुलाए गए अतिरिक्त जवान

By: Feb 25th, 2019 12:01 am

श्रीनगर –पुलवामा हमले के बाद से सभी की निगाहें जम्मू-कश्मीर पर ही अटकी हैं। ऐसे में वहां होने वाली हर हलचल से सुगबुगाहट शुरू हो जाती है। प्रशासन के शनिवार को पेट्रोल-डीजल की सीमित आपूर्ति करने का आदेश देने के बाद कई तरह की अफवाहें उड़ने लगीं। ऐसे में प्रदेश के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सभी अफवाहों पर विराम लगाया है और लोगों से शांत रहने की अपील की है। मलिक ने राज्य प्रशासनिक काउंसिल की अनौपचारिक बैठक बुलाई और पुलवामा हमले के बारे में जानकारी लीं। उन्होंने बताया कि चुनाव के लिए अडिशनल सेंट्रल फोर्सेज की 100 कंपनियों को बुलाया गया और भी कंपनियों आने वाले हफ्तों में बुलाई जाएंगी। लोकसभा चुनाव को देखते हुए आतंकवादी हमले के बढ़े खतरे के कारण एडिशनल पुलिस फोर्स की जरूरत होगी।राज्यपाल ने लोगों से अपील की है कि फोर्सेज को लाए जाने को सिर्फ चुनाव की नजर से देखा जाए। राज्यपाल लोगों से अफवाहों पर भरोसा न करने की अपील की है। पिछले कई दिन से नेशनल हाई-वे बंद होने से एलपीजी का स्टॉक खत्म हो गया है। इससे जम्मू से श्रीनगर सप्लाई नहीं पहुंच रही। सरकार कश्मीर तक सामान पहुंचाने की कोशिश कर रही है। कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर ने पेट्रोल और डीजल सप्लाई को राशन कर दिया है, ताकि बची हुई सप्लाइ को आपातकाल की स्थिति में इस्तेमाल किया जा सके। घाटी में स्टॉक बढ़ाने के लिए सरकार कदम उठा रही है। लोगों को विश्वास करना चाहिए कि यह कमी के हालात से निपटने की कोशिश है। यही बात दवाइयों के साथ भी है।

शहर-ए-खास संग श्रीनगर में प्रतिबंध

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर समेत शहर-ए-खास में रविवार को प्रतिबंध लगा दिया गया। पिछले 48 घंटों में कश्मीर घाटी से कई अलगावादी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद हड़ताल के आह्वान को देखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया। पुलिस ने बताया कि अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र, एमआर गूंज, नौहट्टा, रैनावारी, साफा कदाल तथा खानयार में रविवार सुबह कानून एवं व्यस्था बनाए रखने के मद्देनजर धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाए गए। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि सुरक्षाबलों एवं राज्य पुलिस बल ने इलाकों में कर्फ्यू के कारण उन्हें घरों में रहने के निर्देश दिए

 


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