दत्यार में दवा के सैंपल उठाने पहुंचा स्वास्थ्य विभाग-प्रदूषण बोर्ड
कसौली -प्रदेश के अग्रणी समाचार पत्र ‘दिव्य हिमाचल’ में सरकारी दवाएं कसौली के जंगलों में फेंके जाने की एक्सक्लूसिव खबर ने राजधानी तक के अधिकारियों को एक्शन लेने के लिए मजबूर कर दिया। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर व प्रदूषण बोर्ड के साइंटिफिक आफिसर ने जाबली पंचायत के दत्यार गांव के साथ लगते जंगलों का निरीक्षण किया। इस दौरान दोनों ही सरकारी अधिकारियों ने दवा के सैंपल भी एकत्रित किए हैं। हालांकि मामले में सीएमओ सोलन के बयान से नया ट्विस्ट आ गया है। सीएमओ आरके धरोच के अनुसार पहले ही दिन की जांच में पाया गया है कि जिला स्तर के स्टाक रजिस्टर में दत्यार के जंगल में पाई पेरासिटामोल सिरप का कोई बैच मेल नहीं खाता है। स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार यह दवा हिमाचल से बाहर के राज्य की भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है। राज्यस्थान की इस फार्मा कंपनी राज्यस्थान ड्रग एंड फार्मासुटिकल लिमिटेड से भी पूछताछ करने की बात अधिकारी द्वारा कही गई है। प्रदूषण बोर्ड के साइंटिफिक आफिसर चमन लाल ने कहा कि दवा का सैंपल लिया गया है। इस मेडिकल वेस्ट को अर्की स्थित मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बात की पड़ताल की जा रही है कि कहां से लाकर इस दवा को एनएच पांच के साथ जंगलों में गिराया गया है।
पहले भी दो मामले आए सामने
दत्यार में दवाओं को इस तरह गिराने का जिला सोलन में एक साल में यह तीसरा मामला आ चुका है। इससे पहले भी बसाल गांव व कसौली के समीप दवाओं को गिराया गया था। दोनों पुराने मामलों में स्वास्थ्य विभाग व अन्य संबंधित अधिकारी पड़ताल करने में नाकाम रहे थे। इस मामले में भी विभाग केवल अपनी साख बचाते नजर आ रहे हैं।
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