दादी क्या इस डिब्बे में मेरे पापा हैं?
धर्मशाला-वीरभूमि हिमाचल प्रदेश का जांबाज फौजी, शानदान खिलाड़ी, लोकप्रिय गायक, संस्कारिक बेटा और दो बच्चों का पिता तिलक राज जब तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा, तो हर आंख नम हो गई। शुक्रवार सुबह तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचे शहीद तिलक राज को ताबूत में देखकर उनके बेटे तीन साल के मासूम विहान ने अपनी रोती-बिलखती दादी से पूछा क्या इस डिब्बे में पापा हैं? तो वहां मौजूद सभी रिश्तेदार और लोग सिसक-सिसक कर रोने लगे। मासूम विहान चाह रहा था कि वह उसके पापा है, तो हर बार की तरह उसे प्यार क्यों नहीं कर रहे? क्यों अब तक उससे बात नहीं कर रहे है? लेकिन मासूम विहान को अपने पापा को ताबूत मिं होने वाली बात कोमल से मन में नहीं आ पाई और हज़ारों की संख्या में मौजूद लोग भी इस बात को आखिर कैसे समझा पाते? वहीं दूसरी ओर मात्र 22 दिनों का छोटा बेटा विवान इन सब बातों से अनजान दूध के लिए रोता बिलखता रहा। अपने छोटे-छोटे दो बच्चों संग बिलखती शहीद की पत्नी पार्थिव शरीर को देखकर सुन्न हो गई। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आंतकी हमले में शहीद हुए तिलक राज के पार्थिव शरीर के घर पहुंचने पर पत्नी सावित्री देवी ने उनके अंतिम दर्शन किए, और मुंह में हाथ लगाकर यह कहती रही कि काश ये जिंदादिल इंसान अभी उठ जाए। कांगड़ा-चंबा के सांसद शांता कुमार ने परिवार को ढांढस बंधाया। साथ ही तिलक के बलिदान के लिए उनके माता-पिता और पत्नी के पांव छू कर देश को उनका ऋणी बताया है। शनिवार की सुबह से लेकर दोपहर तक जिला कांगड़ा के ज्वाली में ऐसा मंजर देखने को मिला, जिससे समस्त प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की रूह कांप उठी।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App