प्राइवेट सेक्टर को संरक्षण दो

By: Feb 4th, 2019 12:04 am

 राजेश कुमार चौहान, जालंधर

मोदी सरकार ने अपने अंतिम बजट में जो टैक्स में भारी छूट दी, किसानों के खाते में धनराशि देने और कामगारों के लिए जो एक निश्चित पेंशन देने का प्रावधान किया, वह तो एक चुनावी स्टंट इसलिए लगता है, क्योंकि पांच साल तक इन सबकी याद क्यों नहीं आई? मोदी सरकार का चुनावी बजट आम चुनाव में भाजपा पर क्या असर डालेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, परंतु इस बजट में जनता के हित की ओर भी ध्यान दिया गया है, जिससे भविष्य में कुछ लाभ मिलने की उम्मीद की जा सकती है। मोदी सरकार ने अपने अंतिम बजट में बेशक हर वर्ग को खुश करने की कोशिश की है, लेकिन प्राइवेट सेक्टर में कार्य करने वालों के लिए कुछ खास नहीं किया। प्राइवेट सेक्टर में कार्य करने वाले कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने या छंटनी के कारण नौकरी खो जाने पर आर्थिक सहायता का प्रावधान किया जाना चाहिए था। इस बजट में किसानों, कामगारों के लिए जो प्रावधान किया गया, वह भी सराहनीय है, लेकिन इसके साथ देश में रोजगार बढ़ाने के लिए उद्योग-धंधों को विकसित करने के लिए भी ज्यादा से ज्यादा सहूलियतें देने का प्रावधान भी होना चाहिए था। नोटबंदी और जीएसटी के कारण जिन उद्योग-धंधों की कमर टूटी थी, उनके लिए तो विशेष पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए थी।


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