बर्फ से बागबान-बागबाग

By: Feb 3rd, 2019 12:05 am

नेरवा—इस वर्ष जनवरी माह में हुई भारी बर्फवारी एवं बारिश से किसानों बागबानों की बांछें खिल उठी है।  कई सालों से मौसम की मार का दंश झेल रहे किसानों बागबानों के इस साल अच्छी फसलों की उम्मीद जग गई है। उपमंडल में सेब जहां बागवानों की मुख्य आर्थिकी मानी जाती है। वहीं निचले क्षेत्र के किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ करने में टमाटर-सब्जियों व स्टोन फ्रूट का एक अहम् स्थान है। गत वर्ष मौसम किसानों-बागबानों के साथ दगा कर गया था। इस वजह से किसानों बागबानों ही नहीं परोक्ष रूप से इन फसलों से रोजी कमाने वाले तकरीबन हर तबके की आर्थिकी बुरी तरह डगमगा गई थी।  परंतु इस साल इंद्र देवता में इन लोगों को गत वर्ष मिले जख्मों पर मरहम लगाते हुए उनकी मुराद पूरी कर दी है।  इस साल जनवरी माह में हुई बारिश-बर्फवारी को सेब के साथ-साथ अन्य फसलों के लिए वरदान माना जा रहा है।  जनवरी माह की बर्फबारी से सेब के लिए आवश्यक एक हजार से डेढ़ हजार चिलिंग आवर्स पूरा होनी की संभावना बन गई है।  विशेषज्ञों के अनुसार सेब के लिए कम से कम एक हजार से ज्यादा चिलिंग आवर की आवश्यकता होती है, जोकि सात डिग्री या इससे कम तापमान में पूरे हो सकते हैं।  इस वर्ष यह चीलिंग अवर आराम से पूरे होने का अनुमान है। यदि इस साल फ्लॉवरिंग के समय मौसम ने साथ दिया तो सेब की बम्पर फसल की उम्मीद की जा सकती है।  फ्लॉवरिंग के समय बीस से पच्चीस डिग्री तापमान का होना आवश्यक होता है, क्योंकि इस समय में पौधा सुप्तावस्था से बाहर निकलता है व प्रांगण की प्रक्रिया शुरू होती है।  उधर, गत वर्ष क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिकी टमाटर एवं  अन्य नकदी फसलों पर भी प्रतिकूल मौसम की मार पड़ने से किसान मायूस थे। बीते साल किसानों को टमाटर की मात्र 40 फीसदी फसल से ही संतोष करना पड़ा था। इस वजह से क्षेत्र की आर्थिकी बुरी तरह प्रभावित हुई थी।  गत वर्ष टमाटर की पनीरी लगाने से लेकर फसल के तैयार होने तक मौसम प्रतिकूल बना रहा था। इसका नतीजा यह हुआ की आम तौर पर अक्तूबर माह तक चलने वाला टमाटर सीज़न जुलाई के अंत तक ही सिमट गया था।  इस साल की बारिश बर्फवारी से टमाटर की खेती से जुड़े किसानों को भी एक आस जग गई है।  क्षेत्र में बीते तीन चार सालों से प्रतिकूल मौसम की वजह से स्टोन फ्रूट जैसे अखरोट, बादाम, पलम, आड़ू, खुर्मानी  व चुल्ली आदि फसलें भी बागबानों को धोखा देती आई है।  इस बार अभी तक तो मौसम सभी फसलों के लिए अनुकूल बना हुआ है। यदि आने वाले चार पांच माह तक मौसम इसी तरह मेहरबान बना रहा तो किसान-बागबान एक संतोषजनक उम्मीद कर सकते हैं।

क्या कहते है बागबानी विशेषज्ञ

कृषि विकास अधिकारी सुरेंद्र जस्टा का कहना है कि सेब की बंपर फसल लिए अभी तक मौसम पूरी तरह अनुकूल चल रहा है। जनवरी माह में हुई अच्छी  बर्फवारी से सेब के लिए आवश्यक चिलिंग आवर पूरे होने की संभावनाएं बन चुकी है। भविष्य में भी मौसम ने इसी तरह साथ दिया तो इस साल सेब की बंपर फसल की उम्मीद की जा सकती है।


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