विश्व सामाजिक न्याय दिवस

By: Feb 20th, 2019 12:05 am

दुनिया में लोगों के बीच कई तरह के भेदभाव पैदा हो रहे हैं, जो कि लोगों के बीच एक दूरी का कारण बन गया है। इन भेदभावों के कारण कई लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं दुनिया में इस तरह की बुरियों को खत्म करने के लिए हर साल ‘विश्व सामाजिक न्याय दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस को कई उद्देश्यों को प्राप्त करने के मकसद के लिए बनाया गया है। इस दिन कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करके लोगों को जागरूक किया जाता है। ये दिवस मुख्य तौर से नस्ल,वर्ग, लिंग, धर्म, संस्कृति, भेदभाव, बेरोजगारी से जुड़ी हुई कई समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से हर साल मनाया जाता है। हर साल 20 फरवरी के दिन ये दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा साल 2007 में इस दिन को मनाने की घोषणा की गई थी। वहीं साल 1995 में कोपेनहेगन, डेनमार्क में सोशल डेवलपमेंट के लिए विश्व शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस शिखर सम्मेलन में 100 से अधिक राजनीतिक नेताओं ने गरीबी, पूर्ण रोजगार के साथ-साथ लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा था। इसके अलावा समाज के लिए कार्य करने के लक्ष्य को हासिल करने का उद्देश्य भी इस आयोजन में रखा गया था। जिसके बाद साल 26 नवंबर, 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने कोपेनहेगन में हुए इस शिखर सम्मेलन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 20 फरवरी, को विश्व सामाजिक न्याय दिवस के रूप में नामित किया था। वहीं साल 2009 में सबसे पहले इस दिन को पूरे विश्व में मनाया गया था। विश्व सामाजिक न्याय दिवस के उद्देश्यों को पूरा करने के मकसद से संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय श्रम कार्यालय एक साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय श्रम कार्यालय द्वारा लोगों के बीच इस दिन के महत्त्व को फैलाने के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं। वहीं हर साल दुनिया के लगभग हर देश में विश्व सामाजिक न्याय दिवस को मनाया जाता है और इसके प्रति अपने देश के लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने का कार्य किया जाता है। हमारे देश के सविधान में कई ऐसा प्रावधान मौजूद हैं, जो कि सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। वहीं सुंयक्त राष्ट्र के साथ कदम से कदम मिलाकर भारत सरकार सामाजिक न्याय के लिए कई कार्य कर रही है। भारत देश में कई तरह की जाति के लोग मौजूद हैं, इसके अलावा हमारे देश में कई ऐसी प्रथाएं हैं जो की सामाजिक न्याय के लिए खतरा हैं और इन्हीं चीजों से लड़ने के लिए भारत ने कई महत्वपूर्ण कार्य भी किए हैं। भारत सरकार ने कई ऐसे आयोगों का गठन किया है जो कि सामाजिक न्याय के हितों के लिए कार्य करते हैं। भारत के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा कई योजनाओं की मदद से भी लोगों की सहायता की जाती है। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से लकेर राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास आयोग जैसे सराकरी संगठन दिन-रात हमारे समाज से भेदभाव,बेरोजगारी और बच्चों की सुरक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं।


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