वोकेशनल कोर्सेज के लिए छह करोड़

By: Feb 20th, 2019 12:15 am

 शिमला —प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में शुरू किए गए वोकेशनल कोर्सेज के लिए राज्य सरकार ने बजट की दूसरी किस्त जारी कर दी है। वर्ष 2019 में वोकेशनल कोर्स के लिए छह करोड़ सोलह लाख इक्कासी हजार छह सौ की किस्त सरकार ने कालेजों को जारी कर दी है। यह राशि राज्य के बारह शिक्षण संस्थानों को आबंटित की जाएगी। सरकार ने वोकेशनल कोर्सेज के लिए करोड़ों रुपए का बजट जारी कर शिक्षा विभाग को छात्रों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के भी निर्देश दिए हैं। अहम यह भी है कि वाकेशनल कोर्सेज में इस बार छात्रों के लिए एक्स्ट्रा विषय शुरू करने की भी योजना है। बता दें कि वर्तमान में प्रदेश के बारह कालेजों में रिटेल मैनेजमेंट और हास्पिटेलिटी व टूरिज्म के कोर्स छात्रों को पढ़ाए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार इन तीनों ट्रेड्स में छात्रों की प्लेसमेंट भी कई कालेजों में करवाई जा रही है। इस बार राज्य सरकार ने तय किया है कि बारह कालेजों में वोकेशनल कोर्स पढ़ने वाले छात्रों के लिए अलग से प्लेसमेंट सैल खोला जाएगा, ताकि वोकेशनल कोर्स पढ़ने वाले छात्रों को रोजगार के अवसर भी मिल सकें। प्रदेश में वोकेशनल कोर्सेज एशियन डिवेलपमेंट बैंक के माध्यम से चल रहे हैं। शिक्षा विभाग ने इस बार योजना बनाई है कि प्रदेश के जिन कालेजों में वोकेशनल स्टडी चल रही है, वहां छात्रों के लिए शिक्षक किस आधार पर रखे गए हैं, इसका ब्यौरा भी निदेशालय रखेगा। वहीं, वोकेशनल कोर्स के तहत छात्रों को प्रैक्टिकल के रूप में क्या पढ़ाया जा रहा है, इस बारे में भी पूरी जानकारी देनी होगी। अब करोड़ों की ग्रांट से नए कालेजों में भी ये कोर्स शुरू किए जा सकते हैं। शिक्षा विभाग ने कालेजों को निर्देश जारी किए हैं कि वह छात्रों की रुचि के अनुसार कालेजों में वोकेशनल कोर्स शुरू करने के बारे में रिपोर्ट भेजें।

संस्थानों ने खर्च नहीं किया पिछला बजट

प्रदेश के कालेजों में पिछले साल वोकेशनल कोर्सेज के लिए नौ करोड़ 97 लाख 65 हजार दो सौ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ था। उस बजट में से वर्ष 2018 में शिक्षण संस्थानों को अभी तक तीन करोड़ 80 लाख 83 हजार छह सौ रुपए का ही बजट आबंटित किया गया था। शिक्षा विभाग ने कालेजों से बजट खर्च संबंधित रिपोर्ट मांगी थी। हैरत है कि शिक्षण संस्थानों ने पिछले वर्ष का पूरा बजट खर्च नहीं किया है, जिस वजह से शिक्षा विभाग ने हैरानी जताई है और संस्थानों को इस मामले पर गंभीरता न लेने पर फटकार लगाई है। बताया जा रहा है कि पूरा बजट खर्च न करने की वजह से ही कई कालेजों ने विभाग को यूसी नहीं भेजा है।

छात्रों को बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रीज में घुमाएं

शिक्षा विभाग ने कहा है कि शिक्षण संस्थान वोकेशनल कोर्सेज में युवाओं को ज्यादा से ज्यादा अवसर प्राप्त हो सकें, इसके लिए उन्हें बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री में भी जाकर घुमाएं। वहीं, रिटेल मैनेजमेंट से संबंधित अफसरों को संस्थानों में बुलाकर छात्रों को जागरूक करें। ,शिक्षण संस्थानों को अब हर साल सरकार को रिकार्ड भेजना होगा कि ट्रेनिंग खत्म होने के बाद कितने छात्रों को रोजगार मिला है। संस्थानों को विदेशी कंपनियों से तालमेल बढ़ाने को भी कहा गया है।

देश भर में नंबर-1 है हिमाचल

विभाग के अनुसार वोकेशनल कोर्स पढ़ने में हिमाचल देश भर के सभी राज्यों में नंबर वन है। देश भर के शिक्षण संस्थानों में से हिमाचल में ही वोकेशनल कोर्स पढ़ने वाले छात्रों का आंकड़ा सबसे ज्यादा है। वोकेशनल कोर्स पढ़ने वाले छात्र बाहरी देशों में जाकर रोजगार कर रहे हैं।

इन कालेजों में चल रहे कोर्स

डिग्री कालेज रामपुर, डिग्री कालेज संजौली, डिग्री कालेज नाहन, डिग्री कालेज सोलन, डिग्री कालेज बिलासपुर, डिग्री कालेज ऊना, डिग्री कालेज मंडी, डिग्री कालेज कुल्लू, डिग्री कालेज धर्मशाला, डिग्री कालेज नूरपुर, डिग्री कालेज चंबा में वोकेशनल कोर्स चल रहे हैं।


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