सरकार पर भड़के विपक्ष का दो बार वाकआउट

By: Feb 14th, 2019 12:08 am

मुख्यमंत्री की बजट चर्चा से असंतुष्ट, हर्षवर्धन चौहान की ऐच्छिक निधि पर भी भड़का विपक्ष

शिमला – विपक्ष ने बुधवार को दो बार सदन से वाकआउट किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की बजट चर्चा से असंतुष्ट विपक्षी विधायक सदन से बाहर चले गए। विधानसभा में पेश किए गए बजट पर कुल 37 विधायकों ने चर्चा की। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने विपक्ष के सवालों का जवाब देना शुरू किया। इसी बीच विपक्ष ने सीएम से बजट पर केंद्रित जवाब देने की बात कही। मुख्यमंत्री का कहना था कि वह सदन में सदस्यों के उठाए सवालों का जवाब दे रहे हैं। इसके बाद बारी-बारी सभी मुद्दों पर लौटेंगे। सीएम के इस आश्वासन के बावजूद विपक्ष वाकआउट कर गया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का कहना था कि मुख्यमंत्री बजट स्पीच की बजाय इधर-उधर की बातें कर रहे हैं। उन्होंने मांग उठाई कि सीएम कर्ज के मसले पर जवाब दें। बजट के आकार पर सदन को अवगत करवाया जाए। सदन के नेता यह बताएं कि बजट में बताई गई योजनाओं के लिए पैसा कहां से आएगा? इससे पूर्व भी विपक्ष ने विधानसभा सदन से वाकआउट किया था। कांग्रेस ने यह वाकआउट शिलाई से विधायक हर्षवर्धन चौहान की ऐच्छिक निधि के अगले वित्त वर्ष के चैक लाभार्थियों को अभी जारी कर देने के लिए किया। विधायक हर्षवर्धन चौहान ने प्रश्नकाल के तुरंत बाद प्वाइंट ऑफ  आर्डर के तहत यह मामला उठाया और कहा कि उनकी ऐच्छिक निधि से अगले वित्त वर्ष के तीन चैक पांवटा एसडीएम द्वारा अभी जारी कर दिए गए हैं। विधायक हर्षवर्धन चौहान ने इसे विधायक के विशेष अधिकार हनन का मामला बताया और विधानसभा अध्यक्ष से इस पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने व्यवस्था दी कि उन्हें इस संबंध में विधायक का लिखित पत्र मिला है, जिस पर वह जल्द ही फैसला लेंगे। अध्यक्ष की व्यवस्था से हर्षवर्धन चौहान सहित पूरा विपक्ष सहमत नहीं हुआ। विपक्ष की मांग थी कि इस मामले को तुरंत विशेष अधिकार समित को भेजा जाए, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नियमानुसार ही कार्रवाई होगी। इसके बाद कुछ देर तक सदन में शोरगुल हुआ और फिर पूरा विपक्ष सदन से उठकर बाहर चला गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह मामला क्लैरिकल मिस्टेक का है और सिरमौर के उपायुक्त ने इसे दुरुस्त कर लाभार्थियों को नए चेक भी जारी कर दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले से विधायक संस्था को कमजोर करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार भविष्य में सुनिश्चित करेगी कि इस तरह की गलती दोबारा न हो। उन्होंने यह भी कहा कि विधायक निधि के तहत तय व्यवस्थाओं के अंतर्गत काम हो रहा है तथा सरकार इस बात का पता लगाएगी कि जहां-जहां विधायक निधि से पैसे खर्च नहीं हो पाए हैं, वहां इसके क्या कारण रहे। विपक्ष के वाकआउट के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष के इस कदम को चिंताजनक बताया और कहा कि कांग्रेस केवल सुर्खियों में बने रहने के लिए वाकआउट का सहारा ले रही है। उन्होंने विपक्ष को सलाह दी कि वह अपना व्यवहार सुधारे।

विपक्षी विधायकों को धमकी दे रहे सीएम

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा किमुख्यमंत्री अहम में बोल रहे हैं। उन्होंने विपक्ष को यहां तक कह दिया कि उछल-कूद करने वालों का भला होने वाला नहीं है। सीएम इस तरह की धमकी देकर क्या जताना चाहते हैं? मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सदन में पहुंचे विधायक सरकार के रहमो-कर्म पर नहीं हैं। विधायकों को जनता ने उनकी आवाज उठाने के लिए चुनकर भेजा है।


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