इलेक्ट्रिक वाहनों पर टिका भविष्य
– भूपेंद्र ठाकुर, गुम्मा, मंडी
डीजल-पेट्रोल का अंधाधुंध प्रयोग करने से उनका खात्मा लगभग संभव है। जिस गति से वाहनों की संख्या बढ़ रही है, उससे ऐसा लगता है कि अगली सदी के लिए ईंधन बचेगा ही नहीं। पेट्रोल-डीजल की खपत कम करने के लिए इसका विकल्प ढूंढना अति आवश्यक है। इलेक्ट्रिक वाहनों का ज्यादा से ज्यादा निर्माण और प्रयोग किया जाए। इससे प्रदूषण कम होगा और पैसे की भी बचत होगी। इसके अलावा नित्य सफर करने के लिए सार्वजनिक वाहनों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना चाहिए। ऊर्जा के परंपरागत और गैर-परंपरागत स्रोतों का ज्यादा प्रयोग किया जाए, जिसमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जैव ईंधन का प्रयोग किया जा सकता है। भारत में बड़े शहरों की तरह छोटे शहर और गांवों में भी मोनोरेल ट्रांबे और मेट्रो ट्रेन का निर्माण करना चाहिए, ताकि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती मांग को कम किया जा सके। इन संसाधनों के लिए हमें अरबियन देशों के ऊपर निर्भर रहना पड़ता है, जबकि बिजली की हमारे देश में अपार संभावनाएं हैं।
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