उपनिदेशकों को एक और मौका

By: Mar 4th, 2019 12:01 am

शिक्षा विभाग ने स्कूली छुट्टियों में बदलाव को एक भी आवेदन न आने पर दिया कल तक का समय

शिमला – दो माह से शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में विकेशन बदलाव पर एक भी सुझाव नहीं आ पाया है। शिक्षा विभाग ने जिला उपनिदेशकों और शिक्षकों संघ सहित शिक्षा अधिकारियों को एक बार फिर पांच मार्च तक का समय दिया है। उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश दिए हैं कि अगर तय समय पर जिलों से कोई भी सुझाव नहीं आते हैं, तो ऐसे में विभाग को सरकार के साथ बैठक आयोजित कर सरकारी स्कूलों में होने वाली विकेशन पर खुद कोई फैसला लेना पड़ेगा। बता दें कि इससे पहले भी जब सरकार ने सरकारी स्कूलों के बदलाव को लेकर छेड़खानी की थी, तो उस पर शिक्षक संगठनों ने खूब विरोध किया था। शिक्षकों का यह विरोध इतना रहा था कि सरकार के दबाव में आकर शिक्षा विभाग को तीन घंटे के अंदर विकेशन बदलाव का फैसला लेना पड़ा था। इस दौरान शिक्षा विभाग की खूब फजीहत भी हुई थी। यही वजह है कि शिक्षा विभाग पिछले दो माह से शिक्षक संगठनों और उपनिदेशकों के सुझाव का इंतजार कर रहा है। उपनिदेशकों को कहा गया है कि उन्होंने अभी तक इस मामले को गंभीरता से क्यों नहीं लिया है, वहीं सुझाव न भेजने का भी कारण लिखित में विभाग की और से मांगा गया है। गौर हो कि अगर शिक्षा विभाग के पास छुट्टियों को लेकर कोई सुझाव नहीं आते हैं, तो ऐसे में विभाग रिजल्ट के बाद छात्रों को आठ दिन की छुट्टियों का प्रबंध करेगा। विभाग ने प्लान बनाया है कि समर और विंटर दोनों ही जगह स्कूलों में छात्रों को वर्दी सिलवाने के लिए मार्च और सितंबर में आठ दिन का समय दिया जाएगा। सर्दिंयों में विंटर स्कूलों में छात्रों को होने वाली आठ दिन की छुट्टियों में भी बदलाव किया जा सकता है। ऐसे में बरसात के दिनों में होने वाली छुट्टियों को रद्द करने का भी प्लान विभाग की और से बनाया जा रहा है। शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में छुट्टियों के बदलाव पर अप्रैल माह में ही अंतिम फैसला ले लेगा।

वरना… खुद बदलेंगे शेड्यूल

उच्च शिक्षा निदेशक ने इस बार अधिसूचना जारी कर यह साफ किया है कि अगर अब शिक्षा अधिकारियों ने विकेशन को लेकर सुझाव नहीं दिए, तो ऐसे में विभाग लगभग 15 साल बाद सरकारी स्कूलों में खुद अवकाश के शेड्यूल में बदलाव करेगा। दो माह से शिक्षा विभाग के आदेशों के बाद भी उपनिदेशकों के सुझाव न आने पर शिक्षा विभाग ने फटकार लगाई है।


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