कुल्लवी शॉल-टोपी को देश-विदेश में दिलवाई पहचान

By: Mar 5th, 2019 12:20 am

पूर्व मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर भुट्टिको के जरिए प्राचीन संस्कृति को संजोए रखने में निभा रहे अहम भूमिका

कुल्लू  —पश्चिमी सभ्यता के बढ़ते प्रचलन के बाद भी आज भुट्टिको हिमाचल प्रदेश की प्राचीन संस्कृति को संजोए करने में सफलता हासिल कर रहा है। देश सहित विदेशों में भी आज कुल्लवी शॉल व टोपी के लोग दिवाने हैं। अपनी संस्कृति को संजोए रखने में हमेशा आगे रहे पूर्व मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर वैसे तो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। लगभग 60 वर्ष से भी अधिक का समय होने को आया है, लेकिन भुट्टिको शॉल आज भी अपनी पहचान देश-दुनिया में बनाए हुए है। कुल्लू-मनाली आने वाले सैलानी हो या कोई वीवीआईपी, सभी अपने साथ लौटते हुए भुट्टिको की शॉल व टोपी ले जाना नहीं भूलता है। सहकारिता के क्षेत्र में अपने अच्छी पहचान रखने वाले पूर्व मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर को ‘दिव्य हिमाचल’ मीडिया गु्रप ने हिमाचल एक्सिलेंस अवार्ड के लिए चुना है। हिमाचल के  बुनकरों द्वारा तैयार ऊनी वस्त्रों की मांग न सिर्फ  भारत में है, बल्कि विदेशों में भी भुट्टिको उत्पादों की कद्र करने वाले ग्राहकों की अच्छी खासी संख्या आज बढ़ गई है। विभिन्न डिजाइनदार वस्त्रों को प्राप्त करने के लिए विदेशी ग्राहक निरंतर भुट्टिको प्रबंधन से संपर्क में रहते हैं। यही वजह है कि हिमाचल की प्राचीन हस्तकला के विदेशी भी दीवाने हैं। हिमाचल प्रदेश में पारंपरिक हस्तकला को जीवंत रखने में जिला कुल्लू की भुट्टि बीबर्ज को-आपरेटिव सोसायटी लिमिटेड अहम भूमिका निभा रही है। भुट्टिको उत्पाद का वर्तमान में यूरोप, जापान, चीन व यूएसए को निर्यात किया जाता है। यानी हिमाचल की प्राचीन हस्तकला एवं दस्तकारी के विदेशी लोग भी कायल होते जा रहे हैं। गौर रहे कि कुल्लू के भुट्टि गांव के 12 हथकरघा बुनकरों ने अपसी सहयोग से मात्र 23 रुपए की राशि एकत्रित करके एक सहकारी संस्था की नींव रखी थी। जहां पर संस्था ने धीरे-धीरे अपने कारोबार को बढ़ाया और आज संस्था का वार्षिक कारोबार करोड़ों रुपए में पहुंच गया है। 18 दिसंबर, 1944 को इस संस्था का पंजीयन रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं पंजाब लाहौर ने किया था, जहां पर आज भुट्टिको का नाम हथकरघा बनुकरों से जाना जाता है तथा यह देश के हथकरघा बुनकर उद्योगों में प्रमुख स्थान रखता है। वर्ष 1956 से 1971 तक स्व. वेदराम ठाकुर ने भुट्टिको को न सिर्फ एक नई दिशा दिखाई, बल्कि प्रगति के  पथ पर भी आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाई है। भुट्टिकों के सभी शोरूम में कुल्लू शॉल, लोईया, लड़कियों के लिए स्टॉल, मफलर, पौंचू, सूट, टोपियां और मैरिनों, ऊनी, अंगोरा व पश्मीना के वस्त्र और पूलें शामिल हैं। वर्तमान में भुट्टिको के 32 से अधिक शोरूम खुल चुके हैं। वहीं आज भुट्टिको वूलमार्क के साथ भी जुड़ा है।

वस्त्र मंत्रालय से पाया सम्मान

भुट्टिको द्वारा हथकरघा क्षेत्र में किए गए सराहनीय कार्य के लिए भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय ने राष्ट्रीय पुरस्कार व देश सहित प्रदेश की भी विभिन्न संस्थाएं इन्हें विभिन्न अवार्ड से सम्मानित कर चुकी है। 2005 में भुट्टिको को सामाजिक तथा आर्थिक विकास के लिए पीएचडी चैंबर ऑफ  कॉमर्स एंड इंडस्ट्री से उद्योग रत्न के पुरस्कार से नवाजा गया है। इसी तरह भुट्टी वीवर्ज द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में किए गए अभूतपूर्व कार्यों के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने 2008-09 को आपरेटिव उत्तमता अवार्ड से समानित किया है। वहीं विकासायुक्त हथकरघा वस्त्र मंत्रालय की ओर से वर्ष 2016 के  लिए भुट्टी वीवर्ज को-आपरेटिव सोसायटी भुट्टिको को राष्ट्रीय श्रेष्ठता प्रमाणपत्र के साथ नवाजा गया है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App