जातिसूचक शब्दों ने पहुंचाया जेल

By: Mar 22nd, 2019 12:01 am

नगरोटा बगवां के आरोपी को सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा

धर्मशाला – जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां क्षेत्र के मूमता के व्यक्ति को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करना खूब महंगा पड़ा है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेके शर्मा ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर दो वर्ष की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं, दोषी को अलग-अलग चार मामलों में दोष सिद्ध होने पर सजा सुनाई गई है। इसके तहत दोषी को दो साल की कैद के साथ-साथ जुर्माना राशि के रूप में आठ हज़ार भी भरने होंगे। जानकारी के अनुसार 24 नवंबर, 2012 को शिकायतकर्ता जो कि पूर्व में वार्ड पंच थे, उनके पास शिकायत लेकर एक बुजुर्ग पहुंचे थे। बुजुर्ग ने अपने बेटे पर जलती हुई लकड़ी से मारपीट करने का आरोप लगाया था। इस दौरान ही बुजूर्ग के बेटे ने पूर्व वार्ड पंच के घर में पहुंचकर उनके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं, दोषी मुनीष कुमार ने शिकायतकर्ता की पत्नी के साथ भी लड़ाई-झगड़ा किया व उनके साथ अश्लील हरकतें भी की। इस संबंध में जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने मामले की पैरवी करते हुए न्यायालय में 14 गवाहों को पेश किया। इसके आधार पर जिला एवं सत्र न्यायधीश कांगड़ा स्थित धर्मशाला जेके शर्मा ने विभिन्न मामलों में दोष सिद्ध होने पर सजा सुनाई है। जातिसूचक शब्द मामले में न्यायधीश ने दो साल की कैद व पांच हज़ार रुपए जुर्माना, घर में घुसकर मारपीट करने पर एक साल कैद व एक हजार रुपए जुर्माना, धारा 323 के तहत छह माह की कैद और एक हजार रुपए जुर्माना और शिकायतकर्ता की पत्नी के साथ अश्लील हरकत करने पर छह माह की सजा और एक हज़ार रुपए जुर्माना भी अदा करना होगा।


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