टीएमसी के एचओडी रहेंगे डा. रमेश

By: Mar 2nd, 2019 12:02 am

शिमला —राजेंद्र प्रसाद गवर्नमेंट मेडिकल कालेज टांडा में सर्जरी विभाग के मुखिया पद पर तैनात डा. रमेश भारती को सचिवालय में सलाहकार बनाने के मामले में सुनवाई नौ अप्रैल के लिए टल गई है। प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस मामले में आदेश जारी किए हैं कि प्रार्थी डा. रमेश भारती को एडवाइजर के पद पर कार्य करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। वह टांडा मेडिकल कालेज में हैड ऑफ डिपार्टमेंट ऑफ सर्जरी के पद पर कार्य करते रहेंगे। न्यायालय ने प्रथम दृष्टया यह पाया कि वर्तमान में एडवाइजर के पद के लिए कोई भी भर्ती एवं पदोन्नति नियम नहीं बनाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में एडवाइजर के पद का सृजन किया है। राज्य सरकार के मुताबिक निदेशक मेडिकल एजुकेशन के पास पहले ही बहुत कार्य है, उन्हें छह मेडिकल कालेजों  व एक डेंटल कालेज का कार्य भी देखना पड़ता है। प्रार्थी ने अपनी नियुक्ति को एडवाइजर के तौर पर यह कहकर चुनौती दी है कि ये आदेश नियमों के खिलाफ हैं। वह राजेंद्र मेडिकल कालेज टांडा के जाने-माने शल्य चिकित्सक हैं और 30 दिसंबर 2016 को प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नत किया गया था। प्रिंसीपल के पद पर रहते हुए भी उन्होंने 200 सर्जरी एक साल में की है। प्रार्थी ने अपने स्थानांतरण आदेश को कहकर चुनौती दी है कि उनके स्थानांतरण आदेश कानूनी तौर पर गलत है। याचिकाकर्ता के अनुसार जो व्यक्ति एडवाइजर पद  के लिए प्रस्तावित था, वही चयन समिति का सदस्य था, अतः सारी प्रक्रिया गलत थी। प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने पिछले एक वर्ष से ऐसे व्यक्ति को प्रिंसीपल का दायित्व दे रखा है, जो इलिजिबल नहीं है। उन्हें विभागीय पदोन्नति समिति ने वर्ष 2016 में अयोग्य करार दिया था। प्रार्थी के अनुसार एडवाइजर का पद प्रार्थी को टांडा कालेज के प्रिंसीपल पद से हटाने के लिए बनाया गया है तथा प्रदेश में कार्यरत वरिष्ठ प्रोफेसर व प्रिंसीपल की अनदेखी कर उन्हें चुनना कानूनन सम्मत नहीं है।

चेक बाउंस के आरोपी को डेढ़ लाख जुर्माना

मंडी। चेक बाउंस के आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 150000 रुपए जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी के निश्चत समय में जुर्माना न अदा करने पर उसे तीन महीने के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। इस जुर्माना राशि को शिकायतकर्ता के पक्ष में बतौर हर्जाना अदा किया जाएगा। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजिंद्र कुमार के न्यायालय ने बल्ह तहसील के नेरचौक निवासी सीता राम पुत्र टोडर की शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर बल्ह तहसील के रोउ (दियारगी) निवासी आरोपी लेख राज चौधरी पुत्र डुमणु राम को जुर्माना राशि अदा करने का फैसला सुनाया है।

21443 केस निपटाए

शिमला। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की स्थापना के बाद 28 फरवरी तक ट्रिब्यूनल के समक्ष कुल 31914 मूल आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 21443 का निपटारा किया जा चुका है। ट्रिब्यूनल के प्रवक्ता ने बताया कि इन आवेदनों के अतिरिक्त इस अवधि के दौरान 752 अवमानना याचिकाओं, 34 समीक्षा याचिकाओं, 109 निष्पादन याचिकाओं और 8738 विविध याचिकाओं का निपटारा भी किया गया। उच्च न्यायालय से 6481 मामले प्राप्त हुए, जिनमें से 1638 मामलों का निपटारा किया है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App