देश पढ़ेगा जीरो बजट खेती का पाठ

By: Mar 7th, 2019 12:01 am

केंद्रीय कृषि योजना में शामिल होगा हिमाचल का कंसेप्ट

शिमला – हिमाचल प्रदेश में शुरू हुई जीरो बजट प्राकृतिक खेती अब देश के दूसरे राज्यों में भी होगी। नीति आयोग ने इस कंसेप्ट को बेहतरीन माना है, जिसके बाद दूसरे राज्यों को भी इसे अपनाने के लिए कहा गया है। हाल ही में दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में जीरो बजट खेती पर चर्चा की गई है। यहां पर हिमाचल प्रदेश ने इस दिशा में किए जा रहे अपने प्रयासों को दूसरे राज्यों को भी बताया। इसके बाद नीति आयोग ने प्राकृतिक खेती को केंद्र सरकार की कृषि योजना में शामिल करके इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा है। केंद्र सरकार की योजना में शामिल होने से यह तय है कि इस कंसेप्ट पर अब सभी राज्य काम करेंगे। हिमाचल प्रदेश ने नीति आयोग को बताया कि यहां पर राज्य सरकार ने इस खेती के लिए कृषकों को जागरूक करने को बजट में भी प्रावधान किए हैं। यहां पर कृषि अधिकारियों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है, वहीं किसानों को जागरूक करने के साथ उनकी मदद के लिए कई तरह की सुविधाएं देने का भी विचार है। इतना ही नहीं, यहां पर अलग से इस प्राकृतिक खेती को विकसित करने के लिए सरकार ने नया विंग बनाया है, जिसमें आला अधिकारियों के साथ विशेषज्ञों को भी रखा गया है। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने जीरो बजट खेती का कंसेप्ट दिया है, जिसके लिए पहाड़़ी गाय भी जरूरी है। इसलिए सरकार ने पहाड़ी गाय खरीदने के लिए किसानों को विशेष सबसिडी दिए जाने का भी प्रावधान किया है, ताकि वे लोग अधिक से अधिक संख्या में यहां पहाड़ी राज्य का उपयोग करें। इसके कई दूसरे लाभ भी किसानों को बताए गए हैं।  ऐसे में हिमाचल प्रदेश खेती के लिए अब जिस राह पर चल रहा है, उसमें पूरा देश शामिल होगा। नीति आयोग के सदस्यों के सामने इस पूरे कंसेप्ट पर बात की गई और आने वाले समय के लिए इसके फायदे बताए गए। हिमाचल जिस तरह से काम कर रहा है, नीति आयोग चाहता है कि दूसरे राज्य भी ऐसा करें, ताकि  जैविक व प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा सके। केंद्र सरकार की कृषि योजना में इसे विशेष रूप से शामिल करने से किसानों को जागरूक करने में आसानी होगी।


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