नौहराधार में लाखों का लहसुन खराब

By: Mar 17th, 2019 12:04 am

 सेल में दो हेक्टेयर में बीजी फसल पर अज्ञात बीमारी का कहर, किसानों ने हल चला खुद उखाड़ी मेहनत

नौहराधार —गिरिपार क्षेत्र के नौहराधार के सेल गांव में दो हेक्टेयर में बीजी गई लहसुन की फसल अज्ञात बीमारी के चलते खराब हो गई। इससे किसानों को तीन से चार लाख का नुकसान हुआ है। इससे बेबस सेल के 30 किसानों ने लहसुन की खराब फसल पर हल चला दिया है। इस गांव के सभी किसानों की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। लहसुन के स्थान पर किसान फ्रांसबीन व आलू लगाने की तैयारी कर रहे हैं मगर किसानों की यह समस्या है कि बीज महंगा होने के कारण किसानों के पास बीज खरीदने के लिए पैसा नही हैं। लानाचेता पंचायत के करीब 25 किसानों ने लहसुन की फसल को उखाड़ कर उसके स्थान पर अन्य फसल लगानी शुरू कर दी हैं। चुनवी एचाडना चौरास, कनोग, डमाह नोहराधार, देवामानल व भराड़ी आदि क्षेत्रों में भी किसानों की 80 से ज्यादा फसल खराब हो गई हैं। लहसुन की फसल खराब होने से किसानों के चेहरे मुरझा गए है। किसानों  ने तीन से चार हजार रुपए क्विंटल के हिसाब से बीज खरीद था । कई किसानों ने बीज खरीदने के लिए साहूकारों से भारी भरकम ब्याज पर पैसा उधार लिया था,  जबकि फसल लगभग पूरी तरह से खराब हो गई है । किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि वह साहूकारों का कर्ज कैसे चुकाएंगे । बता दें के अकेले नौहराधार क्षेत्र में 14 सौ हेक्टयर में 7 सौ मीट्रिक टन लहसुन की पैदावार होती हैं।  ब्लॉक किसान सभा अध्यक्ष यशपाल राणा व उपाध्यक्ष रमेश राणा ने बताया कि सेल  2015 से लहसुन की फसल अज्ञात बीमारी की चपेट में हैं। रमेश राणा ने बताया कि उनके गांव में जब पहली बार लहसुन की फसल इस बीमारी की चपेट में आई थी तो वह अपने खेतो की मिट्टी का सैंपल लेकर व नौणी यूनिवर्सिटी गए थे, उन्होंने कृषि विशेषज्ञों को बीमारी के बारे में जानकारी प्रदान की व मिट्टी के सैंपल उन्हें दिए। विशेषज्ञों ने उन्हें बताया कि वह मिट्टी का परीक्षण करने के बाद बीमारी पर रिसर्च करेंगे और रिसर्च के बाद किसानों को दवाइयां वितरित की जाएगी।  रिसर्च के बाद विशेषज्ञों ने उपचार बताया मगर उसका भी फसल पर कोई असर नहीं पड़ा। किसानों ने विशेषज्ञों द्वारा बताई गई दवाइयां पर आठ से दस हजार रुपए तक खर्च किए, मगर उसके बावजूद उनकी फसल खराब हो गई।

नहीं मिल रहा फसल बीमा

क्षेत्र के कई किसानों ने फसल बीमा करवाया था। किसानों का आरोप है कि फसल खराब होने के बाद  बीमा का कोई भी लाभ नही मिल रहा है। कई किसान फसल बीमा लेने के लिए कृषि विभाग व बैंकों के चक्कर काट कर थक गए हैं। मगर उन्हें बीमा राशि नही मिलने के कारण किसानों को विभाग व सरकार के प्रति रोष व्याप्त हैं।

 


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