न बारूद न असलाह फिर भी जंग में कर्नल

By: Mar 28th, 2019 12:01 am

सोलन  – शिमला संसदीय सीट से कांग्रेस ने बेशक अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, लेकिन सोलन के विधायक डा. धनीराम शांडिल ने अपने स्तर पर ही गांव की पगडंगियां मापने के साथ-साथ कार्यकर्ताओं से गलबहियां डालनी शुरू कर दी हैं। विधानसभा चुनाव के बाद यदा-कदा ही नजर आने वाले डा. धनीराम शांडिल की सक्रियता से जनता सकते में है। ढलती उम्र का उनके जोश पर न तो कोई असर दिखाई दे रहा है तथा न ही वे अभी तक तुरूप के पत्ते खोल रहे हैं।  सोलन में आयोजित पत्रकार वार्ता में भी उन्होंने जिस ढंग से स्थानीय मुद्दों की बजाय राष्ट्रीय मसलों पर अधिकांश टिप्पणियां की तो उससे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस राष्ट्रीय कमान व डा. धनीराम शांडिल के बीच कोई खिचड़ी अवश्य पक रही है। डा. शांडिल ने एनडीए सरकार के नोटबंदी व प्रत्येक खाते में 15-15 लाख रुपए डालने वाले मसले पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इसके साथ-साथ कांग्रेस के प्रस्तावित घोषणा पत्र में शामिल 72 हजार रुपए सालाना प्रत्येक नागरिक को न्यूनतम आय करने का उल्लेख भी उन्होंने किया। डा. शांडिल ने  एक माह में अपने जनसंपर्क अभियान में व्यापक तेजी लाई है। उनके नजदीकियों का कहना है कि लोकसभा की आहट देखते ही उन्होंने बंदूके शिमला संसदीय सीट पर पहले ही तान ली थीं। हालांकि सोलन निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस का एक विशेष धड़ा एड़ी चोटी का जोर लगाकर डा. शांडिल को लोकसभा का टिकट न देने की रणनीति में जुटा है। युवा नेता विनोद सुल्तानपुरी से टिकट की रेस में चुनौती तो मिल रही है किंतु बेफिक्र होकर जनसंपर्क अभियान में यकायक जुटे डा. शांडिल व उनकी लॉबी पर्दे के पीछे कुछ अलग ही पटकथा लिख रही है।


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