फोरलेन प्रभावितों को ज्यादा ‘नहीं’

By: Mar 7th, 2019 12:01 am

शिमला – फोरलेन प्रभावितों को फैक्टर-टू देने के मामले पर गुरुवार को अधिकारी चर्चा करेंगे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में वित्त विभाग व राजस्व विभाग के अधिकारी रहेंगे, क्योंकि यह सरकार का चुनावी वादा है और अब लोकसभा चुनाव आ रहे हैं, अलबत्ता इस पर कोई न कोई फैसला होना जरूरी है। सरकार यह समझ चुकी है कि लोकसभा चुनाव से पहले फोरलेन प्रभावितों के साथ चर्चा होनी चाहिए और कोई सकरात्मक नतीजा निकालना जरूरी है, परंतु अभी तक रास्ता नहीं दिख रहा। गुरुवार को अफसरशाही एक दफा फिर से इस मुद्दे पर चर्चा करेगी और सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी को अपनी रिपोर्ट भेजेगी। राज्य में प्रभावितों को सर्किल रेट ज्यादा दिया जा रहा है। यह रेट दूसरे राज्यों से अधिक है, जिस पर पहले ही प्रभावितों को बता दिया गया है। सरकार ने कहा था कि इन प्रभावितों के साथ विधानसभा के बजट सत्र के बाद चर्चा की जाएगी, लेकिन अभी ऐसी बैठक बुलाने से पहले अफसरशाही को मंथन करने के लिए कहा गया है। अधिकारी देखेंगे कि यदि फैक्टर टू लागू किया जाता है, तो कितना पैसा इसमें देना होगा। वैसे नेशनल हाई-वे अथारिटी इस हक में नहीं है और उसका मानना है कि यदि ज्यादा मुआवजा देना है, तो प्रदेश सरकार खुद पैसा दे। सरकार इतना अधिक मुआवजा नहीं दे सकती, वहीं केंद्र सरकार भी इसके लिए तैयार नहीं होगी।

दूसरे राज्यों से तुलना

सर्किल रेट को लेकर अधिकारियों ने दूसरे राज्यों से भी तुलना की है। अफसरों का मत है कि इससे अधिक राशि फोरलेन प्रभावितों को मुआवजे के रूप में नहीं दी जा सकती। परवाणू, शिमला और कीरतपुर-मनाली फोरलेन के निर्माण में यह बड़ी अड़चन है, जिस कारण काम भी प्रभावित हो रहा है। खासकर कीरतपुर-मनाली फोरलेन की वजह से सरकार फंसी है, जो मंडी की राजनीति को भी प्रभावित कर रहा है।


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