बिजली बेचेने को नए सिरे से करार

By: Mar 5th, 2019 12:20 am

शिमला —दूसरे राज्यों के साथ हिस्से की बिजली बेचने को हिमाचल सरकार नए सिरे से करार करने जा रही है। उत्तर प्रदेश के बाद अब दिल्ली, पंजाब व हरियाणा के साथ यह करार होंगे, जिसमें गर्मियों के दिनों में उन्हें बिजली बेची जाएगी। इसके लिए सरकार ने टारगेट भी तय किया है। बताते हैं कि इन राज्यों ने बिजली की खरीद से संबंधित टेंडर किए हैं, जिनमें हिमाचल ने भी हिस्सा लिया है। क्योंकि सालों से इन राज्यों को हिमाचल बिजली देता आया है, लिहाजा उम्मीद है कि इस साल भी उनसे करार हो जाएगा। इससे पहले उत्तर प्रदेश से हिमाचल को बिजली का अच्छा रेट मिला है। मई के लिए यह करार हुआ है, जिसके तहत 50 मेगावाट बिजली उत्तर प्रदेश राज्य को बेची जाएगी। उत्तर प्रदेश से पांच रुपए नौ पैसे प्रति यूनिट की दर पर करार हुआ है, जो कि अच्छा रेट है। पीक आवर्स में प्रदेश की यही बिजली छह रुपए 22 पैसे प्रति यूनिट तक बिकेगी। इसके लिए समझौता हो चुका है। अब पंजाब, हरियाणा, दिल्ली के साथ भी करार होने हैं, जिनकी अलग-अलग कंपनियों ने टेंडर कर दिए हैं। प्रदेश के ऊर्जा निदेशालय ने इसमें पार्टिसिपेट किया है। हिमाचल चाहता है कि इन राज्यों से बिजली के अच्छे दाम मिलें, जिससे उसकी कमाई बढ़ सके। मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार की कमाई का टारगेट 850 करोड़ रुपए का था, लेकिन इसके मुकाबले 1200 करोड़ से ज्यादा की बिजली दूसरे राज्यों को बेची जा चुकी है। यह बिजली हिमाचल सरकार की है, जो उसे निजी कंपनियों से हिस्सेदारी के रूप में मिलती है। सतलुज जल विद्युत निगम के प्रोजेक्ट्स के अलावा कोलडैम, एनएचपीसी व दूसरे प्रोजेक्ट्स से प्रदेश सरकार को रॉयल्टी के रूप में जो बिजली मिलती है, उसे दूसरे राज्यों को बेचा जाता है।

अभी कम है उत्पादन

वर्तमान में परियोजनाओं में बिजली का उत्पादन भी कम है, जिस कारण सरकार को भी हिस्सेदारी में कम बिजली मिल रही है। मार्च तक उत्पादन का क्रम ऐसा ही रहेगा, लेकिन अप्रैल से यहां उत्पादन बढ़ जाएगा, जिसके बाद दूसरे राज्यों के साथ बिजली के करार भी हो जाएंगे। जल्दी ही दूसरे राज्यों के टेंडर खुलेंगे, जिसके बाद गर्मियों में यहां से बिजली सप्लाई का रास्ता साफ हो जाएगा।


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