मौनी बाबा बनकर संसद में बैठे रहे राम स्वरूप शर्मा

By: Mar 29th, 2019 12:10 am

मंडी—मंडी संसदीय क्षेत्र से माकपा के उम्मीदवार दलीप कायथ ने कहा कि भाजपा के उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा पांच साल तक संसद में प्रदेश के मुद्दे उठाने में नाकाम रहे। यहां पत्रकार वार्ता में दलीप कायथ ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने चुने हुए सांसदों के मुंह पर ताला लगा रखा था और राम स्वरूप भी मौनी बाबा बन कर बैठे रहे। उन्होंने कहा कि रामस्वरूप शर्मा ने जितने भी वादे जनता से किए थे, उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है। वहीं पर पं. सुखराम और आश्रय शर्मा के कांग्रेस में जाने के प्रकरण पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि यह अपने आप में राजनीतिक मजाक बन गया है। कुछ लोग चाहते हैं कि उनकी सारी पीढि़यों को पेंशन लगे। उन्होंने कहा कि दादा के अरमान पूरे करने के लिए दल बदला जा रहा है। ऐसे में गरीब जनता के अरमान कौन पूरे करेगा। उन्होंने कहा कि  कुल्लू जिला की पार्वती परियोजना से देश के दूसरे हिस्सों को बिजली मिल रही है। मगर सैंज क्षेत्र की गाडा पारली पंचायत का शाटी मरौड़ गांव आजादी के 71 सालों के बाद भी सड़क और बिजली की सुविधा से वंचित है। किसानों को फोरलेन में भूमि अधिग्रहण के बदले चार गुणा मुआवजा नहीं दिया गया। द्रंग में नमक उद्योग लगाने, पुरानी पेंशन बहाली, मंडी में हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज, किसानों के लिए स्वामीनाथन कमीशन रिपोर्ट लागू करने जैसे मुद्दों पर भाजपा सरकार और सांसद रामस्वरूप से जनता जवाब मांग रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृहक्षेत्र का राह-कोट स्कूल बंद हो गया है। वहीं पर मंडी संसदीय क्षेत्र के 17 विधानसभा क्षेत्रों की सड़कों के हाल खस्ता हैं। स्वास्थ्य संस्थानों में डाक्टर व अन्य कर्मचारी नहीं हैं। अकेले क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में डाक्टरों के 25 पद रिक्त चल रहे हैं, जबकि आनी तहसील के निरमंड ब्लॉक में एक भी फार्मासिस्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों लाहुल-स्पीति, पांगी- भरमौर एवं किन्नौर के पहाड़ी और ग्रामीण इलाकों में संचार सेवाएं ठप हैं। इस अवसर पर माकपा नेता जोगिंद्र वालिया, रमेश गुलेरिया, अजय वैद्य और गोपेंद्र शर्मा मौजूद थे।

किस आधार पर किया जा रहा सेवा विस्तार

दलीप कायथ ने कहा कि लोक निर्माण विभाग मंडी के तहत एससी के पद से रिटायर हो चुके करतार चंद और मुख्य अभियंता केहर सिंह को सेवा विस्तार दिए जाने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्य अभियंता केहर सिंह की फाइल मुख्यसचिव द्वारा चुनाव आयोग को भेजी गई है। यह आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि दोनों अधिकारियों को किस आधार पर सेवाविस्तार दिया जा रहा है।


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