योजनाओं को रफ्तार देने के प्रयास

By: Mar 17th, 2019 12:02 am

हिमाचल में भाजपा सरकार का एक साल से ज्यादा का कार्यकाल पूरा हो चुका है और लोकसभा चुनाव भी सामने हैं। ऐसे में 76540 मतदाताओं वाले गगरेट विधानसभा क्षेत्र में इस दौरान कितना विकास हुआ और यह हलका कहां पिछड़ा, इस विषय पर विशेष रिपोर्ट पेश कर रहे हैं अजय ठाकुर…

राजेश ठाकुर

विधायक, गगरेट

लोकतंत्र में सरकार की बड़ी ही सरल व्याख्या की गई है कि जनता द्वारा जनता के लिए चुनी गई सरकार। जनप्रतिनिधि भी जनता की यही सोच कर चुनती है कि क्षेत्र का विकास हो और वे सारी सुविधाएं उन्हें मिलें, जिनके वे हकदार हैं, लेकिन उस समय विधानसभा क्षेत्र में हुए पड़ताल की जरूरत भी लाजिमी हो जाती है, जब चुनाव सिर पर हों। जाहिर है कि सत्तारूढ़ दल का दावा होता है कि विकास के दम पर लीड लेंगे, तो विपक्ष भी सत्तारूढ़ दल की कमियां गिना कर जनता को लुभाने का प्रयास करता है। हालांकि विधानसभा क्षेत्र गगरेट से पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे विधायक राजेश ठाकुर प्रदेश सरकार के अब तक के कार्यकाल में विधानसभा क्षेत्र गगरेट के नाम कई उपलब्धियां गिनाते हैं, तो विपक्ष का दावा है कि इस एक साल में विधानसभा क्षेत्र गगरेट के हिस्से कुछ खास नहीं लगा, बल्कि जो विकास कार्य यहां हो भी रहे हैं, वे भी पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी मंजूर हुए हैं। सत्तारूढ़ दल विकास के सहारे चुनावी नैया पार लगाने की फिराक में है, तो विपक्ष कुंद पड़ी विकास की धार को हथियार बनाकर सत्तारूढ़ दल की चुनावी नैया में छेद करने को तैयार बैठा है। हर क्षेत्र की जनता का सपना यही होता है कि जिस क्षेत्र में वे रह रहे हैं, वहां तमाम वे मूलभूत सुविधाएं हों, जिनकी उन्हें दरकार है। प्रदेश सरकार व स्थानीय नेतृत्व इस बात पर इतरा सकता है कि विधानसभा क्षेत्र गगरेट को रेलवे मानचित्र पर आने का तमगा इसी साल मिला है। अब गगरेट विधानसभा क्षेत्र का दौलतपुर चौक तक का क्षेत्र रेलवे नेटवर्क से जुड़ चुका है। प्रदेश सरकार ने इस एक वर्ष के कार्यकाल में इस समस्या को ध्यान में रखते हुए विधानसभा क्षेत्र के दौलतपुर चौक कस्बे में सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के नए उपमंडल अधिकारी कार्यालय से नवाजा है। वहीं मुबारिकपुर-मरवाड़ी सड़क मार्ग का कार्य इंटर स्टेट कनेक्टीविटी योजना के तहत केंद्र सरकार से मिले इक्कीस करोड़ रुपए के बजट से जारी है। वहीं सिविल अस्पताल गगरेट को डिजीटल रेडियोलॉजी सिस्टम की सौगात मिली है।

राजनीति मेरे लिए समाजसेवा का साधन

विधायक राजेश ठाकुर ने कहा कि वह जब विधायक नहीं थे, तब भी लोगों के दुख-दर्द को बांटने का काम करता था। मुझे लगा कि राजनीति में आकर लोगों की और अच्छे ढंग से मदद की जा सकती है। कोशिश रहती है कि समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक उन योजनाओं का लाभ पहुंचे जिसके लिए वह पात्र हैं। हर खेत व हर घर को पानी मिले इसके लिए लगातार प्रयासरत हूं।

विधानसभा क्षेत्र गगरेट

 मतदाताः 76540  पुरुष मतदाताः 39074  महिला मतदाताः 37466  कुल बूथः 91

पूर्व सरकार में मंजूर कार्यों के ही फीते काटे

पूर्व मुख्य संसदीय सचिव राकेश कालिया का कहना है कि गगरेट क्षेत्र की जनता जानती है कि प्रदेश सरकार के इस एक वर्ष के कार्यकाल में यहां क्या हुआ। विधायक राजेश ठाकुर ने महज उन्हीं योजनाओं के शिलान्यास व फीते काटे हैं, जो पूर्व सरकार में स्वीकृत हुए थे। गगरेट क्षेत्र के चार लोगों की स्वाइन  फ्लू से मौत हो चुकी है, लेकिन यहां के स्वास्थ्य संस्थानों में स्वाइन लू की जांच की किट तक उपलब्ध नहीं है। जनता के छोटे-छोटे कार्य नहीं हो पा रहे हैं। विधायक को चाहिए कि अब गगरेट क्षेत्र के लिए इंडियन आयल का डिपो लेकर आएं।

दो बार आए मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विधानसभा क्षेत्र गगरेट में दो बार आ चुके हैं। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद विधायक राजेश ठाकुर के आग्रह पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जब गगरेट क्षेत्र के प्रवास पर आए, तो वह भी यहां की  जनता को निराश करके नहीं गए। इसके बाद मुख्यमंत्री आए, तो हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के निमंत्रण पर थे, लेकिन दूसरी बार भी वह कई योजनाओं के लिए बजट आबंटित करने का ऐलान कर गए।

धरातल पर नहीं उतर सकी योजनाएं

यूं तो गगरेट को विकास की पटरी पर आगे बढ़ाने को इससे पहले रहे जनप्रतिनिधियों ने भी जोर लगाया, लेकिन योजनाएं धरातल पर उतर नहीं पाईं। क्षेत्र के भंजाल गांव में इंडियन आयल का डिपो स्थापित करने परियोजना विरोध की भेंट चढ़ी। केंद्रीय विद्यालय की स्थापना और अंब-अंदौरा रेलवे स्टेशन को होशियारपुर से जोड़ने का मामला ठंडे बस्ते  में चला गया।

औद्योगिक विकास को लगा ग्रहण

विधानसभा क्षेत्र गगरेट 2003 में बनी कांग्रेस सरकार के समय औद्योगिक मानचित्र पर आया था। उस समय यहां कई उद्योग स्थापित हुए, लेकिन वक्त बीतने के साथ इस क्षेत्र के औद्योगिक विकास को ग्रहण लग गया। पूर्व सरकार के समय यहां कोई नया उद्योग नहीं आया और इस सरकार के कार्यकाल में अभी तक औद्योगिक विकास की रफ्तार तेज नहीं हो पाई है।

एसडीएम आफिस खुलने से होगा जनता को लाभ

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री बने जयराम ठाकुर जब पहली बार इस क्षेत्र के प्रवास पर आए, तो स्थानीय विधायक राजेश ठाकुर ने उनके समक्ष एसडीएम आफिस, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग का उपमंडल कार्यालय व चुरूड़ू-लोहारली के बीच स्वां नदी पर पुल निर्माण की मांग रखी थी, जिन्हें पूरा करने का ऐलान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया था।

शुरू हुआ स्वां नदी तटीकरण का काम

पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में केंद्र सरकार ने स्वां नदी तटीकरण कार्य का बजट भी रोक लिया था और ऐसा माना जा रहा था कि अब शायद ही इस परियोजना को बजट मिले। भाजपा के सत्तासीन होने के बाद फिर से तटीकरण का कार्य शुरू हो सका है और गगरेट क्षेत्र की तेरह खड्डों के तटीकरण के लिए 175 करोड़ रुपए के टेंडर भी आबंटित हो चुके हैं।

दो बार जनमंच कार्यक्रम

प्रदेश सरकार कार्यक्रम जनमंच विस क्षेत्र गगरेट में दो बार किया जा चुका है। दोनों बार जनता का इस कार्यक्रम के प्रति विशेष रुझान देखने को मिला। जनमंच कार्यक्रम में सात सौ के करीब समस्याएं उठाई गईं और इनमें से अधिकांश समस्याओं का निपटारा भी हुआ।


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